Ashok Gehlot: अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति से कहा, ममता बनर्जी पर कैसे किया जादू, धनखड़ ने दिया ये जवाब
सीएम गहलोत ने कहा कि `जब आपका चुनाव हुआ तब मैंने ही सबसे पहले बधाई दी, मैं और विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी उस वक्त साथ बैठे थे` मैंने उस वक्त जो ट्वीट किया था, वही भावना मेरी अब भी है. भैरोसिंह शेखावत के बाद धनखड़ दूसरे नेता हैं, जो इस पद पर आए हैं.
Ashok Gehlot News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से स्पष्ट तौर पर पूछ लिया कि आपने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ऐसा कौन सा जादू किया कि, उनके सांसद मतदान से अनुपस्थित रहें और आप चुनाव जीत गए. सीएम गहलोत ने इस राज को खोलने के लिए धनखड़ से मंगलवार को विधानसभा में आयोजित अभिनंदन समारोह में स्पष्ट बताने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी जैसी ''टफ लेडी'' पर आप का जादू कैसे चला ?
सीएम ने पूछा चुनाव जीतने का राज
सीएम गहलोत ने धनखड़ से कहा कि मेरा 50 साल से आपसे रिश्ता है, मैं जब एनएसयूआई में था, तब से कुछ परिवारों से मेरे संबंध हैं, इनमे धनखड़ परिवार भी शामिल हैं, मैं एक बात आपसे समझना चाहता हूं, राज्यपाल के रूप में आपकी भूमिका की खूब चर्चा रही. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जब तक आप रहें, तब तक वहां की सीएम बनर्जी और आपकी चर्चा रही, तीन साल में कोई दिन नहीं गया, जब धनखड़ साहब की और ममता बनर्जी की चर्चा नहीं हुई हो. इसके बाद आपने कौन सा जादू किया कि उन ममता बनर्जी ने आपको चुनाव जितवाने के लिए अपने सांसदों को अनुपस्थित करवा दिया. आपने ममता बनर्जी जैसी ''टफ लेडी'' पर क्या जादू किया, जादूगर तो मैं हूं, मुझसे बड़ा जादूगर कोई है क्या हिंदुस्तान में. इस बात पर पूरे देश को अचंभा हुआ कि ममता बनर्जी कह रही हैं कि हम तो अनुपस्थित रहेंगे, उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अरे भाई कल तक तो आप ''प्यार-मोहब्बत'' की बातें करते थे, सारी हदें पार करके भी आपके राजनीतिक संबंध अच्छे रहें, आप आराम से चुनाव जीत गए, केवल यही राज बता दीजिए.
सीएम गहलोत ने कहा कि "जब आपका चुनाव हुआ तब मैंने ही सबसे पहले बधाई दी, मैं और विधानसभा अध्यक्ष डॉ.सीपी जोशी उस वक्त साथ बैठे थे" मैंने उस वक्त जो ट्वीट किया था, वही भावना मेरी अब भी है. भैरोसिंह शेखावत के बाद धनखड़ दूसरे नेता हैं, जो इस पद पर आए हैं. राज्यपाल के तौर पर भी राजस्थान वासियों के लिए दरवाजे हमेशा खुले रखें, हमेशा राजस्थानवासियों का मान-सम्मान बढ़ाया है, हमारे लंबे संबंध हैं.
उपराष्ट्रपति ने भी सीएम को दिया खुलकर जवाब, ममता का जताया आभार
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी सीएम गहलोत की बातों का खुलकर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने पूछा है कि वह कौन सा जादू है, जिसकी वजह से ममता बनर्जी ने वो निर्णय लिया. उसके जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं राजनीति से परे हूं, राजनीतिक निर्णय कैसे और किस आधार पर लेते हैं, इस पर सीएम गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ही इस स्थिति को स्पष्ट कर सकते हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनने के बाद मैंने सीएम बनर्जी से कहा कि अब मैं आपके राज्य का राज्यपाल नहीं हूं, आप दिल पर हाथ रखकर सोचिए, क्या कभी भी मैंने कोई भी काम कानून और संविधान के दायरे के खिलाफ किया है ? क्या कभी भी मैंने चाहे उन्होंने कुछ भी कहा हो, कुछ भी हालात रहे हों, एक भी शब्द उनकी मर्यादा पर कटाक्ष करते हुए कहा है ? जो कुछ मैंने किया, खुली किताब की तरह किया, लिखित में किया. फिर भी मैं इस सदन के माध्यम से पहली बार उनके प्रति उनके कदम के लिए आभार प्रकट करता हूं.
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि "मैं सफल अधिवक्ता रहा, मैंने राजनीतिक जीवन में सफलता के ट्रेड सीक्रेट दो महापुरुषों से लिया, ताऊ देवीलाल और भैरोसिंह शेखावत उनमें शामिल हैं. उन दोनों ने मुझे कहा कि ये ट्रेड सीक्रेट रखना, किसी को बताना मत. मैंने सीएम गहलोत की बात कभी टाली नहीं है, लेकिन उन दो महापुरुषों में से कोई है नहीं, इसलिए वह ट्रेड सीक्रेट मैं नहीं बताऊंगा. मुझे यहां सदन में दिल की बात कहनी पड़ेगी,
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मैंने राज्यपाल बनने के बाद वसुंधरा राजे से मदद मांगी कि मेरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, मुझे कोई न कोई जादूगरी का टोना बताएं, मुझे आज भी याद है कि विधानसभा चुनाव के वक्त चुरू से राजेंद्र राठौड़ उम्मीदवार थे, उस वक्त मैंने ऐसा जादू किया कि आज तक राठौड़ चुनाव वहां से जीत रहें हैं, सीएम गहलोत साहब आप कुछ नहीं कर पाए.
संसद और विधानसभा है बहुत सशक्त
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि संसद और विधानसभा बहुत सशक्त माध्यम हैं. संविधान बनाते समय इन्हें ताकत दी गई, लेकिन आज के हालात चिंताजनक हैं, अमर्यादित आचरण हो रहा है, जनप्रतिनिधि संसद और विधानसभा में इस तरह का आचरण कैसे कर सकते हैं कि हास्य का विषय बन गया, ये आचरण लोकतंत्र की जड़ें हिला देंगे, कोई कसर बाकी नहीं रही है. विचित्र और भयावह सीन संसद विधानसभाओं में देखा जा रहा हैं, जिन मुद्दों पर संसद विधानसभाओं में चर्चा करनी है, वो सड़क पर होती है. सांसद-विधायक सचेत हो जाएं, उन्होंने जनता से जुड़े मुद्दे नहीं उठाए तो वह काम फिर सड़क पर होगा.
जोशी बोले धनखड़ की उप राष्ट्रपति के रूप में भूमिका अनुकरणीय होगी
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि पूरे सदन को इस पर गर्व है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ इस विधानसभा के सदस्य रहें हैं. राजस्थान से स्व. भैरोसिंह शेखावत के बाद वे दूसरे ऐसे व्यक्ति है, जिन्होंने उपराष्ट्रपति पद को सुशोभित किया है. इस अवसर पर जोशी ने धनखड़ की केन्द्रीय मंत्री, विधायक एवं राज्यपाल के रूप में किये गये कार्यों को भी याद किया. उन्होंने कहा कि धनखड़ ने संविधान में उल्लेखित राज्यपाल की भूमिका को मूर्तरूप देने का प्रयत्न किया और साथ ही में मंत्री और विधायक के रूप में सभी जिम्मेदारियों का पूर्ण रूप से निर्वहन भी किया है. उन्होंने आशा व्यक्त कि धनखड़ की उप राष्ट्रपति के रूप में भूमिका अनुकरणीय होगी.
राजस्थान विधानसभा का स्वर्णिम दिन
प्रतिपक्ष के नेता कटारिया ने कहा कि राजस्थान विधानसभा के लिए स्वर्णिम दिन है कि, इस सदन के सदस्य एवं इस धरती पर पले-बढ़े एक व्यक्ति ने उप राष्ट्रपति पद को प्राप्त किया है. किसान के घर जन्म लेने वाले व्यक्ति ने राज्य का सम्मान बढ़ाया है, इससे राज्य की 7 करोड] जनता का गौरव भी बढ़ा है.
समारोह में कटारिया ने धनखड़ को राजस्थानी साफा पहनाकर सम्मानित किया. इस अवसर पर डॉ. जोशी ने धनखड़ को भेंट किए गए अभिनन्दन पत्र का वाचन किया और गहलोत ने अभिनन्दन पत्र धनखड़ को भेंट किया। साथ ही डॉ. जोशी ने स्मृति चिन्ह धनखड़ को भेंट किया.
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