Jaipur News: विश्व विख्यात पर्यटन नगरी आमेर देश-दुनियां में अपनी पहचान रखता है. यूनेस्को के जरिए आमेर फोर्ट को विश्व हेरिटेज में शामिल किया गया था.आमेर फोर्ट भ्रमण के लिए देश ही नहीं पूरी विश्वभर से लोग भ्रमण के लिए पहुंचते है. पर कहीं आमेर फोर्ट अपनी विश्व हेरिटेज की पहचान खो ना दें क्योंकि स्थानीय विधायक सतीश पूनिया, और इसके पार्षदों की अनदेखी के चलते पर्यटन नगरी अब गड्ढों की नगरी बन रही है.


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पर्यटन नगरी कहीं  बन ना जाए गड्ढा नगरी 
भारत देश में पर्यटन स्मारकों में आमेर फोर्ट तीसरे नंबर पर देखा जाता है. विदेशी सैलानी जब भी भारत भ्रमण के लिए आते है तो वह पहले आगरा फोर्ट, दूसरे नंबर पर लालकिला और तीसरे पर आमेर फोर्ट को देखने की इच्छा रखते है. आमेर पर्यटन नगरी में रोजाना हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक भ्रमण करने पहुंचते है .


शहर की सड़कों की इस बदहाल व्यव्स्था को लेकर गाइडों का कहना है कि पर्यटक आमेर फोर्ट पहुंचते ही सबसे पहले यही बात पूछता है कि यहां के विधायक और सरकार कैसी है जो कि ऐसे पर्यटन स्थलों तक आने वाली सडकों के हाल बेहाल कर रखे है. आखिर में जनता ऐसे लोगों क्यों चुनती है जो विकास ही नहीं करा सकते. वहीं पर्यटक भी कह देते है कि अब दुबारा आमेर नहीं आएंगे. तो कह सकते है कि आमेर पर्यटन नगरी अब गड्ढा नगरी बनती जा रही है. इस गड्ढों के कारण कहीं यूनेस्कों विश्व हेरिटेज का ताज कहीं छीन ना ले.


जरूरत है तो आमेर विधायक सतीश पूनिया को यहां की सडकों का विकास कर राहत देने का काम करें ताकि देश-दुनिया में आमेर विश्व हेरिटेज होने की छवि बनी रहे.देश-प्रदेश में आने वाले पर्यटकों से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है.


सड़कों का बदहाल होने से स्थानीय लोगों में गुस्सा
पिछले एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी आमेर की दो किलोमीटर की बदहाल सड़क अभी तक दुरस्त नहीं हो पा रही है. ऐसे में स्थानीय लोगों में काफी रोष  है. इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि इस टूटी-फूटी सडक जो कि एक से डेढ फीट के गड्ढों में तब्दील हो गई है. इन्हें पार करने वाला हर राहगीर विधायक को कोसता है क्योंकि कई बार दोपहिया वाहन चालक इन गहरें गड्ढों से निकलते समय गिरकर घायल हो जाते  है.


विधायक  ने मूंदी आंखे


आमेर थाना से लेकर कुंडा तक सड़क टूटी-फूटी और गहरे गड्ढे से निकलना मुश्किल हो रहा है. इनकी शिकायत कई बार आमेर विधायक सतीश पूनिया से की गई. लेकिन विधायक भी सडकों के हाल दुरस्त करने की बजाए आंखे मुंदे है. इस बारे में स्थानीय राहगीरों का कहना है कि अगले साल चुनाव आ रहे है.जिसमें  हम भी बता देंगे विकास नहीं कराने का नतीजा क्या होता है.


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गौरतलब है कि जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के चलते आमेर फोर्ट  के आसापास की सड़कों की बदहाली की तस्वीर  देश-दुनिया में उसकी छवि को धूमिल कर रहा है. विदेशी पर्यटक इन टूटी-फूटी सडकों की छवि लेकर विदेशों में भारत की तस्वीर को बताएंगे.