Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल सरकार फिर से पूर्व की गहलोत सरकार के एक बड़े फैसले को बदलने की तैयारी कर रही है. इसको लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने संकेत दिए हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा जयपुर, जोधपुर और कोटा शहर में बनाए गए दो-दो नगर निगम को लेकर भजनलाल सरकार बड़ा फैसला कर सकती है. इसके लिए भजनलाल सरकार गहलोत राज में बनाए गए 86 नगर निकायों को लेकर भी रिव्यू करेगी. चर्चा है कि प्रदेश में कई नवगठित नगर निकाय खत्म किए जा सकते हैं. ऐसे में जयपुर, जोधपुर और कोटा में फिर एक-एक नगर निगम हो सकते है. 


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नवगठित नगर निकायों को लेकर मिल रही थी शिकायतें 
यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि दो-दो नगर निकाय बनने के बाद से सरकार को कई नवगठित नगर निकायों को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 86 नए नगर निकाय बनाए. अब इनकी आवश्यकता और मापदंडों का परीक्षण किया जा रहा है. इसके बाद नवगठित नगर निकायों की परीक्षण रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल को दी जाएगी. 



वार्डों के परिसीमन वापस करवाने की चर्चा 
मंत्री खर्रा ने कहा कि जयपुर, जोधपुर, कोटा में बनाए गए दो नगर निगम को लेकर सरकार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और आम जनता से चर्चा करने के बाद बड़ा फैसला कर सकती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने पालिकाओं को लेकर परिसीमन किया, जिसमें कई विसंगतियां हैं. उस समय एकत्र किए वार्डों में जनसंख्या या मतदाताओं की संख्या में करीब 300 प्रतिशत तक का अंतर है. इसको लेकर मंत्री खर्रा ने वार्डों के परिसीमन वापस करवाने के संकेत दिए हैं



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नए जिलों की समीक्षा के लिए कमेटी गठित 
वहीं, पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान 19 नए जिले बनाए गए. जयपुर और जोधपुर को दो जिलों में बांटा दिया गया. इसको लेकर बीजेपी ने समीक्षा करवाने का वादा किया था. सरकार में आने के बाद सीएम भजनलाल ने गहलोत राज में बनाए गए नए जिलों की समीक्षा के लिए चार मंत्रियों की कमेटी गठित की. साथ ही एक रिटायर्ड IAS के नेतृत्व में भी सब कमेटी बनाई है जो सभी नए जिलों के भौगोलिक, आर्थिक समेत विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन कर रिव्यू रिपोर्ट बनाकर सरकार के समक्ष पेश करेगी. जिसके आधार पर भजनलाल सरकार यह फैसला करेगी कि नए जिले कायम रहेंगे या इनका जिले का दर्जा वापस लेना है. 



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