अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नामांकन पर सस्पेंस, प्रदेश में जारी सियासत में उलझा पेंच
Rajasthan Political Crisis : राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं और हाईकमान ने उन पर भरोसा भी जताया है, लेकिन राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी राजनीति ने अब नए सवाल खड़े कर दिये हैं.
Rajasthan Political Crisis : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुताबिक हाईकमान जिसे चाहेगा, वही सीएम बनेगा लेकिन फिर भी रविवार को 92 विधायक इस्तीफे की पेशकश कर देते हैं. शांति धारीवाल के घर पर बैठक होती है और आगे की रणनीति बनायी जाती है. इधर आज दिल्ली से आए पार्टी के पर्यवेक्षकों अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे के बुलावे पर भी पार्टी के निर्देश के बाद भी विधायक बैठक में नहीं पहुंचते.
अजय माकन ने विधायकों के बैठक में नहीं आने पर नाराजगी जतायी और इसे अनुशासनहीनता बताया. मंत्री महेश जोशी का कहना है कि हम किसी को मानेसर नहीं लेकर गए, आज भी बाड़ेबंदी जैसी कोई बात नहीं है, यह सबकी इच्छा के आधार पर हुआ. पर्यवेक्षक 121 विधायकों से बात करेंगे इसका कोई मैसेज ही नहीं था. अचानक ये कार्यक्रम बना, हमने भाग नहीं लिया.
मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पर्यवेक्षक हमारी बात समझ नहीं पाए. ये भी हो सकता है कि हम समझा नहीं पाए. हम आलाकमान का पूरा सम्मान करते हैं. आलाकमान स्पष्ठ आदेश जारी करे. हमें अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए. जोशी ने कहा कि कांग्रेस कभी नहीं टूटेगी, ये हमारी निष्ठा है कि कांग्रेज आज भी चल रही है. जिन लोगों ने कांग्रेस तोड़ने की बात की, उनको मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो विरोध स्वाभाविक है.
कुल मिलाकर राजस्थान के विधायकों का कहना है कि गहलोत के विकल्प के रूप में वो सचिन पायलट को स्वाकीर नहीं करेंगे. अब कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत और सचिन पायलट से मिलकर क्या फैसला करता है ये देखने वाली बात होगी.
इस बीच बड़ी खबर ये कि पूर्व सीएम कमलनाथ को दिल्ली बुलाया गया है. कमलनाथ और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच रिश्ते बेहतर माने जाते हैं. उम्मीद है की बातचीत से मामला सुलझा लिया जाएं. सूत्रों के हवाले से ये भी कहा जा रहा है कि राजस्थान में अशोक गहलोत समर्थित विधायकों के तेवर से आलाकमान नाराज है. जिससे अशोक गहलोत से मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
इधर अशोक गहलोत के नामांकन नहीं करने पर शशि थरूर से ज्यादा संभावना कमलनाथ, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे जैसे नेताओं की है ( अगर ये नामांकन करें तो ) क्योंकि ये सभी नाम कांग्रेस आलाकमान के खास माने जाते हैं.
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