कांग्रेस पार्टी में जारी गुटबाजी की बजाय सभी को पार्टी लाइन पर लाने की तैयारी अब आलाकमान कर रहा है. सभी विधायकों और मंत्रियों को जयपुर में रहने का आज अनौपचारिक मैसेज भी दिया गया है.
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Next Chief Minister of Rajasthan : 92 विधायकों की इस्तीफे की पेशकश के बाद अब राजस्थान की राजनीति गरमाई हुई है. मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर में हैं और आज भी मुख्यमंत्री के नाम का प्रस्ताव पास करने की तैयारी है, इस बीच पार्टी उन विधायकों पर भी नजर बनाए हुए हैं जो विरोध कर रहे हैं या कर सकते हैं.
राजस्थान में सियासी संकट अभी भी जारी है. मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन आज भी जयपुर में विधायकों से मुख्यमंत्री का प्रस्ताव पास करने की तैयारी एक लाइन का प्रस्ताव किया जाना है. ये प्रस्ताव फिर आलाकमान को भेजा जाएगा और वहीं से तय होगा कि कौन राजस्थान का मुख्यमंत्री बनेगा. फिलहाल आलाकमान पर सभी विधायकों से इस बारे में सहमति लेने की तैयारी है. साथ ही विरोध कर रहे विधायकों पर भी AICC निगाहें बनी हुई हैं.
कल के ड्रामे के बाद आज डैमेज कंट्रोल की कोशिश
आज होने वाली बैठक में पार्टी में जारी गुटबाजी की बजाय सभी को पार्टी लाइन पर लाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही सभी विधायकों और मंत्रियों को जयपुर में रहने का अनौपचारिक मैसेज भी दिया गया है. आपको बता दें कि कल गहलोत समर्थक सीएम आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए नहीं आये. इसकी जगह वो सीधा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के घर पहुंच गए. इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक 7 बजे होना तय हुई थी फिर इसका टाइम बढ़ाकर 7.30 कर दिया गया. इस बैठक में गहलोत के पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद नेतृत्व परिवर्तन पर भी चर्चा होनी थी.
कुल मिलाकर राजस्थान की राजनीति में प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो चुकी है. जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरने की तैयारी है. वहीं आलाकमान को प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री भी चुनना है. लेकिन गहलोत खेमा किसी और को मुख्यमंत्री के रुप में देखने को तैयार नहीं है.
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दावा किया है कि हमारे पास 92 विधायक हैं और जनता ने विधायक चुनकर भेजे हैं तो हमें अपनी बात आलाकमान के सामने रखनी है. हालांकि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है सब कुछ ठीक है. इधर कांग्रेस विधायक बाबू लाल नागर का कहना है कि पहले अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने दें, उसके बाद आलाकमान सभी विधायकों की राय लें फिर जो फैसला आलाकमान करेंगा वो हम सभी को मंजूर होगा.
आपको बता दें कि कल रात खड़गे और अजय माकन के सामने गहलोत गुट के विधायकों ने 3 बिंदुओं का प्रस्ताव रखा गया है. गहलोत गुट का कहना है कि नया सीएम सरकार बचाने वाले 102 विधायकों में से ही होना चाहिए. साथ ही नए सीएम की घोषणा 19 अक्टूबर को अध्यक्ष के चुनाव के बाद की जाए और गहलोत की पसंद का ही मुख्यमंत्री बनाया जाए.
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