Cyclone Biparjoy Rajendra Rathore demanding package to CM: नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर प्रदेश में चक्रवाती तूफान ”बिपरजाॅय“ से हुई तबाही एवं नुकसान से पीड़ितों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज घोषित करने की मांग की है. साथ ही मृतकों को 10 लाख रुपए व घायलों को 5 लाख रुपए का मुआवजा देने तथा शीघ्र ही टास्क फोर्स का गठन करने की बात लिखी है.



राजेन्द्र राठौड़ ने CM अशोक गहलोत से आर्थिक पैकेज की मांग


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नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पत्र में कहा कि मौसम विभाग ने प्रदेश के 5 जिलों बाड़मेर, जोधपुर, जालोर, नागौर व पाली में चक्रवाती तूफान, भारी वर्षा बिपरजाॅय का रेड अलर्ट पूर्व में ही जारी कर दिया था. वहीं प्रदेश के अन्य 16 जिलों में भी वर्षा के साथ तेज गति की हवा के कारण ऑरेंज, यलो अलर्ट जारी किया गया था.


मृतकों को 10 लाख रुपए व घायलों को 5 लाख रुपए का मुआवजा


दुर्भाग्य की बात है कि मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बाद भी प्रशासनिक तौर पर किसी भी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। जिससे चक्रवात ‘बिपरजाॅय‘ से राज्य के कई इलाकों में 40 घंटे से बारिश जारी है, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बाड़मेर, सिरोही, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद, पाली, अजमेर, कोटा सहित कई जिलों में तेज बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया. तूफान के कारण प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर 7 लोग काल कल्वित हो गये तथा दर्जनों व्यक्ति घायल हो गये.


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बिपरजाॅय से निपटने के लिए प्रभावी इंतजाम नहीं - राजेन्द्र राठौड़


राठौड़ ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि चक्रवात तूफान को लेकर राज्य सरकार ने आपदा से निपटने के लिए प्रभावी इंतजाम नहीं किये हैं. सिर्फ कागजी एडवाइजरी के कारण तूफान से निपटने की सरकार की तैयारी धरी रह गई है. राज्य सरकार ने ना तो टास्क फोर्स का गठन किया है और ना ही निचले इलाकों में भारी बारिश का पानी जाने से रोकने व प्रभावितों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने तथा पुर्नवास की कोई वैकल्पिक व्यवस्था की है.


2750 करोड़ फिर भी आर्थिक पैकेज नहीं - नेता प्रतिपक्ष राठौड़ 


नेता प्रतिपक्ष राठौड़ ने कहा कि जालोर जिले के सांचौर में सुरावा व पांचला बांध टूटने से कई इलाके डूब गए हैं. बांध टूटने से नर्मदा लिफ्ट कैनाल में पानी बढ़ने से वह भी टूट गई है और सांचौर में बाढ़ के हालात उत्पन्न हो गये हैं. आपदा प्रबन्धन एवं राहत एक पृथक मंत्रालय होने के बावजूद आपदा राहत मंत्री एवं उच्चाधिकारियों द्वारा ना तो प्रदेश में बचाव राहत कार्यों के निरीक्षण हेतु प्रभावित जिलों के दौरे किए गए और ना ही तूफान पूर्व तथा मानसून पूर्व की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया.


राठौड़ ने कहा कि राज्य आपदा प्रबन्धन राहत (SDRF) कोष में लगभग 2750 करोड़ रूपये की राशि जिसमें 50 प्रतिशत राशि केन्द्रांश व 50 प्रतिशत राशि राज्यांश की उपलब्ध होने के बावजूद भी प्रदेश में अभी तक राहत शुरू नहीं किए जा रहे हैं.