Jaipur News, Bisalpur Water Supply revealed News : बीसलपुर जयपुर प्रोजेक्ट के शटडाउन से जयपुर की आबादी को बार बार पेयजल संकट से जूझना पड़ता है. लीकेज के पीछे पीएचईडी दावा करता है कि पाइप लाइन की उम्र पूरी हो रही है, जिस कारण बार बार वॉल फट रहे है. लेकिन इसके पीछे ये बीमारी नहीं, बल्कि कुछ और है.आखिर बीसलपुर की बीमारी की असली वजह क्या है.


बीसलपुर की बीमारी की असली वजह


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बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट की लाइफ अब खत्म हो गई. इस लाइन की उम्र 15 साल थी,जो पूरी हो गई इसलिए बार बार बीसलपुर की लाइन में छेद हो रहा है. जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सतीश जैन और दूसरे इंजीनियर्स ने कई बार बीसलपुर की बीमारी के पीछे यही कारण बताया. लेकिन आज ज़ी मीडिया इस बीमारी की पोल खोल रहा है.


15 साल का बहाना, अपनी कुर्सी बचाना


दरअसल बीसलपुर की मुख्य लाइन से स्कॉउर वॉल तक जलदाय विभाग को जैकैटिंग करनी थी. लेकिन समय पर जैकैटिंग नहीं होने से बीसलपुर परियोजना बार बार आईसीयू में जाती रही. कोरोना के बाद जुलाई तक इस लाइन में जैकैटिंग करनी थी, लेकिन आज तक ये काम ही पूरा नहीं हो पाया. इस पूरे मामले पर जलदाय मंत्री महेश जोशी से जी मीडिया ने संपर्क किया, सवाल पूछना चाहा.


कोरोना के बाद इस लाइन में जैकैटिंग करनी थी


जलदाय मंत्री ने इस बारे में कोई जवाब देना उचित नहीं समझा. हालांकि पिछली बार जब शटडाउन हुआ तो महेश जोशी ने अफसरों की पीठ थपथपाते हुए नए अध्याय की तारीक की थी. लेकिन मंत्री जी शायद जिम्मेदार इंजीनियर्स ने पहले ही जैकेटिंग का ध्यान दिया होता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता.



सपोर्ट एक्टिविटी का चार्ज, लेकिन JJM पर ED की नजर


बीसलपुर की जयपुर पेयजल परियोजना में मुख्य लाइन से 31 स्कॉउर वॉल तक जैकेटिंग करनी थी, जिसमें 300 एमएम की पाइप लाइन पर 400 एमएम की जैकैटिंग करना प्रस्तावित था. लेकिन पहले जुलाई, फिर सितंबर और 15 नवंबर तक जैकैटिंग का समय बढाया गया. इस दौरान 7 बार लीकेज के कारण शटडाउन हुआ.


यदि पाइप लाइन पर ये जैकैटिंग समय पर हुई होती तो जयपुर की जनता को बार बार पानी के लिए परेशान ना होना पड़ता और ना ही जलदाय विभाग को लीकेज के कारण बार बार शटडाउन लेना होता. लेकिन लापरवाह अधीक्षण अभियंता सतीश जैन की घटिया मॉनिटरिंग के कारण वक्त पर जैकेटिंग नहीं हुई. जैकैटिंग का कार्य जीसीकेसी फर्म के पास है.


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फर्म और इंजीनियर्स की लापरवाही जयपुर के लिए आफत बन गई. सतीश जैन के पास बीसलपुर प्रोजेक्ट के साथ जल जीवन मिशन की सपोर्ट एक्टिविटी का भी चार्ज है. आपको बता दे कि केंद्र के इस मिशन पर ईडी की पैनी नजर है.  



राठौड़ ने संभाला मोर्चा, लेकिन 16 की जैकेटिंग अब भी बाकी



हालांकि अतिरिक्त मुख्य अभियंता अजय सिंह राठौड़ के आने के बाद पिछले दो महीने में 15 स्कॉउर वॉल तक जैकेटिंग हुई है, लेकिन अभी भी 16 पर जैकेटिंग बाकी है. अधीक्षण अभियंता सतीश जैन ने 15 नवंबर तक का समय तो जरूर ले लिया, लेकिन क्या भरोसा ही तब तक काम हो ही जाएगा और सिस्टम के लीकेज से जनता को छुटकारा मिल ही जाएगा ? सवाल ये है कि 2053 तक की परियोजना 2023 में कैसे दम तोड़ रही है.