सावन में शिव पूजन से करे नवग्रह शांत, जानें पूजन और विधि
सावन आते ही शिव की महिमा का बखान चारों और सुनाई देने लगता है, ऐसे शिव के भक्तों भी अपने जीवन में आए संकटों को दूर करने के लिए नित नए उपाय करके जीवन में सुख शांति का संचार करना चाहतो है, इसलिए एगर आप भी यही सोच रहे है तो सावन में शिव पूजन से नवग्रहों की शांति की जा सकती है.
Navgrah pujan Vidhi: सावन आते ही शिव की महिमा का बखान चारों और सुनाई देने लगता है, ऐसे शिव के भक्तों भी अपने जीवन में आए संकटों को दूर करने के लिए नित नए उपाय करके जीवन में सुख शांति का संचार करना चाहतो है, इसलिए एगर आप भी यही सोच रहे है तो सावन में शिव पूजन से नवग्रहों की शांति की जा सकती है.
शिव ही सृष्टि के नियंत्रक हैं. उनकी उपासना से हर चीज को नियंत्रित किया जा सकता है. किसी भी ग्रह नक्षत्र को आसानी से शांत भी किया जा सकता है. सावन में थोड़े से प्रयास से किसी भी ग्रह की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है.
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ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ जयपुर ने बताया कि, सावन में शिव पूजन से नवग्रहों की शांति की जा सकती है. शिव ही सृष्टि के नियंत्रक हैं. उनकी उपासना से हर चीज को नियंत्रित किया जा सकता है.
किसी भी ग्रह नक्षत्र को आसानी से शांत भी किया जा सकता है. सावन में थोड़े से प्रयास से किसी भी ग्रह की समस्या को आसानी से दूर किया जा सकता है. तो आईए जानते नवग्रहों को शांत करने के कुछ अचूक उपाय जो इस प्रकार हैः-
सूर्य को कैसे करें शांत
इसके लिए नित्य प्रातः जल में गुड़ मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. शिवलिंग पर गुड़हल का पुष्प अर्पित करें. "ॐ आदित्याय नमः" का जप करें. यह उपाय सावन के किसी भी रविवार को कर सकते है.
चंद्र को कैसे करें शांत?
चंद्र को शांत करने के लिए शिवलिंग पर पंचामृत अर्पित करें. इसके बाद सफेद फूल भी अर्पित करें. "ॐ सोम सोमाय नमः" का जप करें. यह सावन में किसी भी दिन करें.
मंगल को कैसे करें शांत?
मंगल को शांत करने के लिए शिवलिंग पर शहद और जल अर्पित करें. लाल पुष्प भी अर्पित करें "ॐ अं अंगारकाय नमः" का जप करें. शिव जी की कपूर से आरती करें. सावन में किसी भी मंगलवार को करें.
बुध को कैसे करें शांत?
सावन पर बुध को शांत करने के लिए शिव लिंग पर बेल पत्र अर्पित करें. साथ ही सुगन्धित जलधारा भी अर्पित करें. "ॐ बुं बुधाय नमः" का जप करें. सावन में किसी भी बुधवार को करें.
बृहस्पति को कैसे करें शांत?
बृहस्पति को शांत करने के लिए शिवलिंग पर जल अर्पित करें. वेदी पर हल्दी लगाएं "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का जप करें. पीली मिठाई का भोग भी लगाएं. सावन में किसी भी गुरुवार को करें.
शुक्र को कैसे करें शांत?
सावन पर शुक्र को शांत करने के लिए शिवलिंग पर जरा सा दूध और जल अर्पित करें. सफ़ेद सुगन्धित फूल अर्पित करें. "ॐ शुं शुक्राय नमः" का जप करें. सावन में किसी भी शुक्रवार को करें.
शनि को कैसे करें शांत?
शनि को शांत करने के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस अर्पित करें. इसके साथ ही नीले फूल अर्पित करें "ॐ शं शनैश्चराय नमः" का जप करें. शिव जी के मंदिर में घी का दीपक जलाएं. सावन में किसी शनिवार को करें.
राहु केतु को शांत करने के उपाय
राहु केतु को शांत करने के लिए सावन के किसी भी दिन शिवलिंग पर जल की धारा अर्पित करें. साथ ही भांग धतूरा अर्पित करें. "ॐ रां राहवे नमः" तथा "ॐ कें केतवे नमः" का जप करें. शिव जी के मंदिर में ध्वजा अर्पित करें. सावन में किसी भी बुधवार को करें.
श्रावण मास में रुद्राभिषेक कराने का विभिन्न लाभ
रुद्राभिषेक से हमारी कुंडली शिवत्व का उदय होता है. भगवान शिव का शुभाशीर्वाद प्राप्त होता है.सभी के मनोरथ पूर्ण होते हैं. माना जाताहै कि, सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी देवताओं की पूजा स्वत: हो जाती है.
ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसारः-
रुद्राभिषेक के विभिन्न पूजन के लाभ इस प्रकार हैं-
जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है.
असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें.
भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें.
लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें.
धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें.
तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है.
इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है.
पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें.
रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है.
ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें.
सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है.
प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है.
शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है.
सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है.
शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है.
पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें.
गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है.
1 पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें. ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है.
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