भोले के भक्त शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर भोले की पूजा-अर्चना में मग्न हैं. हर-हर महादेव और जय जय भोले के उद्घोष के साथ भक्तगण मंदिर परिसर को गुंजायमान कर रहे हैं.
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Bassi: राजधानी जयपुर के बस्सी उपखंड क्षेत्र में सावन के पहले सोमवार के पावन अवसर पर जगह-जगहों पर शिवालयों में भोले के भक्तों का तांता लगा हुआ है. हर-हर महादेव, बम-बम भोले, हर-हर महादेव, बोल बम ताड़क बम के नारों से शिवालय गुंजायमान हो रहे हैं.
भोले के भक्त शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक कर भोले की पूजा-अर्चना में मग्न हैं. हर-हर महादेव और जय जय भोले के उद्घोष के साथ भक्तगण मंदिर परिसर को गुंजायमान कर रहे हैं.
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बस्सी उपखंड क्षेत्र के सभी मंदिरों में भक्ति की गंगा बह रही है. बस्सी उपखंड क्षेत्र के बांसखोह गांव में स्थित नईनाथ धाम शिवालय में भगवान शिव पर बेलपत्र, धतूरा, बेल, दही, दूध सहित अन्य पूजन सामग्री की दुकानें बड़े पैमाने पर लगाई गई है. ओम नमः शिवाय के जाप के साथ भक्तगण भोले का जलाभिषेक करते देखे जा सकते हैं. बांसखोह कस्बे के पास स्थित नईनाथ धाम मंदिर प्रबंधन द्वारा भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाइन से दर्शन कराने की कवायद में लगे हैं.
मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था के इंतजाम कर
सावन के मौके पर निकलने वाली कांवड़ यात्रा और शिवालयों के पास सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के लिए पुलिस और मंदिर प्रशासन ने विशेष व्यवस्था के इंतजाम कर रखे हैं. भगवान शिव के भक्त, भगवान की भक्ति के साथ देश भक्ति के रंग में भी नजर आये. शिवभक्त और कावड़िये कावड़ यात्रा के दौरान तिरंगे के रंग में रंगे हुए नजर आए और भगवान नईनाथ को पंचरंगा ध्वज के साथ-साथ भारत का राष्ट्रध्वज तिरंगा भी चढ़ाया. बस्सी उपखंड क्षेत्र में जगह-जगह से कावड़ यात्राएं गुजरती हुई देखी जा सकती है.
प्रत्येक शिवालय में श्रद्धालुओं की भारी भीड़
साथ ही बम बम भोले, हर हर महादेव के नारे जगह-जगह सुने जा सकते है. वहीं, नईनाथ मंदिर के अंदर सैकड़ों पंडितों द्वारा रुद्रपाठ का आयोजन कर भगवान भोलेनाथ को रिझाने की कोशिश भी की जा रही है. नईनाथ मंदिर में अधिकांश कावड़िये गलता आश्रम से कावड़ से जल लाकर भगवान भोले का जलाभिषेक किया जा रहा है. सावन का पहला सोमवार होने की वजह से प्रत्येक शिवालय में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है. नईनाथ मंदिर में श्रद्धालुओ भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रसासन ने मंदिर के गर्भगृह में केवल कावड़ियों को जाने की अनुमति दी गई हैं ताकि मंदिर परिसर में भीड़ ना लगे और श्रद्धालुओं को मंदिर गर्भगृह गेट से ही दर्शन करवाये जा रहे हैं ताकि मंदिर की व्यवस्था सुचारू रूप से चल सके.
सावन-भादवा माह में प्रतिदिन मेले जैसा माहौल रहता
सावन का सोमवार होने की वजह से नईनाथ मंदिर में भगवान शिव के दर्शनों के लिए हजारों की तादाद में कावड़िये और श्रद्धालु नईनाथ पहुंच रहे हैं. सावन-भादवा माह में प्रतिदिन मेले जैसा माहौल रहता है जबकि सोमवार और सावन माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी पर मेले में लाखो की संख्या में श्रद्धालु भोले के दर्शन करने पहुंचते हैं. मेले में दौसा, जयपुर, करौली, सवाई माधोपुर, अलवर, सीकर, टोंक, भरतपुर सहित दिल्ली, यूपी, बिहार, एमपी से भी श्रद्धालु आकर भोले के दरबार में हाजिरी लगाते हैं.
Reporter- Amit Yadav
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