मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू, जानिए किनके सिर सजेगा ताज, किनकी होगी छुट्टी
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू हो गया है.
Jaipur: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अब राजस्थान में मंत्रिमंडल पुनर्गठन का काउंटडाउन शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि 20 नवंबर के बाद कभी भी मंत्रिमंडल पुनर्गठन किया जा सकता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के कैंप के नेताओं को एडजस्ट करने के लिए बनाए गए फॉर्मूले पर आला कमान की मुहर लग गई है. अब तारीख का निर्णय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) को करना है.
राजस्थान (Rajasthan News) में कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित विधायकों के दिल की धड़कनें इन दिनों बढ़ी हुई है. इसकी वजह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का वो बयान है, जिसमें उन्होंने राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन को जल्द करने की बात कही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सचिवालय में दिए बयान के बाद अब राजस्थान की सियासत में कांग्रेस और समर्थित विधायक अपने अपने नामों की संभावनाओं की तलाश में जुट गए हैं.
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वर्तमान में गहलोत मंत्रिमंडल (Gehlot Cabinet) में 9 पद खाली है, जबकि तीन मंत्रियों रघु शर्मा हरीश चौधरी और गोविंद सिंह डोटासरा का मंत्री पद जाना तय है. परफॉर्मेंस और सियासी समीकरणों के आधार पर चार या पांच मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. ऐसे में में माना जा रहा है कि 12-15 नए चेहरों को अवसर मिल सकता है. UP में टिकट वितरण में महिलाओं की भागीदारी को लेकर प्रियंका गांधी के फॉर्मूले के तहत राजस्थान में दो या तीन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है.
गहलोत (CM Gehlot) के मंत्रिमंडल पुनर्गठन के फॉर्मूले में मिशन 2023 की छाप दिखेगी. पार्टी को चुनाव जिताने वाले और व्यापक प्रभाव वाले विधायकों को अवसर मिलेगा. एक व्यक्ति एक पद का सिद्धान्त लागू होगा. सूत्रों के हवाले से जानकारी मिल रही है कि एक दर्जन नए चेहरों को अवसर मिल सकता है. रघु शर्मा, हरीश चौधरी और गोविंद सिंह ड़ोटासरा का मंत्री पद जाना तय है. तीनों के बदले दो जाट और एक ब्राह्मण चेहरे को मौका मिलेगा. ब्राह्मण चेहरों के तौर पर महेश जोशी और राजकुमार शर्मा में एक को मंत्री बनाया जा सकता है. जाट नेता के तौर पर रामलाल जाट और महादेव सिंह खण्डेला को मौका मिल सकता है. आदिवासी क्षेत्र से महेंद्र जीत सिंह मालवीय को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
अशोक चांदना और टीकाराम जूली को प्रमोशन मिल सकता है. आधा दर्जन मंत्रियों की परफॉर्मेंस के हिसाब से छुट्टी हो सकती है. बसपा से आने वाले विधायकों में राजेंद्र गूढा मंत्री बन सकते हैं. मंत्रिमंडल में प्रियंका गांधी का फॉर्मूला नजर आ सकता है. तीन महिला विधायकों के नाम चर्चाओं में हैं. दलित और महिला विधायक के तौर पर मंजू मेघवाल, गुर्जर विधायक के तौर पर शकुंतला रावत औरमुस्लिम महिला चेहरे के तौर पर जाहिदा का नाम भी दौड़ में शामिल है. इनमें से दो विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है. पायलट कैंप से तीन या चार मंत्री बनाए जा सकते हैं.
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रमेश मीणा या मुरारी मीणा में से किसी एक को मौका मिलेगा. हेमाराम चौधरी या बृजेन्द्र ओला में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है. दीपेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम लिस्ट में शामिल है. सचिन पायलट की सूची में विश्वेन्द्र सिंह का नाम शामिल नहीं है. विश्वेन्द्र सिंह को लेकर फैसला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को करना है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए मंत्रिमंडल पुनर्गठन में सभी नेताओं को जगह देना संभव नहीं है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के सियासी संकट के समय जो विधायक मजबूती से अशोक गहलोत के साथ खड़े रहे थे उन विधायकों को भी निश्चित तौर पर बड़ा अवसर मिलने वाला है. खास तौर पर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान में 15 संसदीय सचिव बनाए जा सकते हैं. बसपा से आने वाले छह विधायकों में से पांच विधायक और आधा दर्जन निर्दलीय विधायकों को संसदीय सचिव बनाया जा सकता है. इसके अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं गहलोत कैंप के वफादारों सचिन पायलट कैंप के वरिष्ठ नेताओं और पार्टी के पूर्व अध्यक्षों को अलग अलग बोर्ड निगम की जिम्मेदारी दी जा सकती है. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि आखिरकार अब वो समय आ गया है जब पार्टी के विधायक हूं नेताओं कार्यकर्ताओं का इंतजार खत्म होगा और मंत्रिमंडल पुनर्गठन के साथ-साथ पार्टी के नेताओं कार्यकर्ताओं को भी नियुक्तियों और संगठन में जिम्मेदारी का मौका मिलेगा.