Jaipur : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों के लिए की गई ओल्डपेंशन की घोषणा के बहाने सरकार रिपीट करने का दावा किया. गहलोत ने सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारोह में कहा कि, पुरानी पेंशन का फैसला सोच समझकर संवेदनशीलता के साथ किया गया है. कोई यह नहीं समझें कि चुनाव जीतने के लिए किया है. रिटायरमेंट पर पेंशन देने के सवाल पर किसी ने कहा, सरकार बदल गई तो क्या होगा, मुझे चिंता हो गई कि सरकार वापस लानी होगी.


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सचिवालय कर्मचारी संघ कार्यकारिणी के शपथग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कर्मचारियों के साथ रहे खट्टे मीठे अनुभवों को याद किया, वहीं सरकार की योजनाओं की क्रियान्विति के लिए सचिवालय कर्मचारियों का साथ मांगा. मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पुरानी पेंशन लागू करने का फैसला संवेदनशीलता और पारदर्शी सुशासन के साथ किया है. इस फैसले से ना केवल प्रदेश बल्कि देश में सभी लोगों को आश्चर्य हुआ है. यह घोषणा जान बूझकर संवेदनशीलता के साथ की गई है ताकि बुढ़ापे में कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित रहे.


कर्मचारियों को पैसा म्यूच्वल फंड में लगा दिया
गहलोत ने केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया कि केंद्र सरकार ने नई पेंशन लागू कर दी और कर्मचारियों का पैसा म्यूच्यूअल फंड या शेयर मार्केट में जमा कर दिया. यदि 35 साल बाद कर्मचारी रिटायर होंगे तो बाजार की क्या स्थिति होगी. मैं फिर कहता हूं कि केंद्र सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करनी पड़ेगी. लाखों लोगों का भविष्य डिपेंड कर रहा है, मानवाधिकार आयोग, न्यायिक आयोग मना कर रहा था, लेकिन केंद्र ने कर्मचारियों को दो भागों में बांट दिया.


रिटायरमेंट पर ब्याज सहित पूरा पैसा मिलेगा
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार पीएफआरडीए फंड पर रोड़ा अटका रही है. कई नेताओं ने कहा इस पैसे को वापस दे पाओगें. मैने आश्वस्त कर दिया कि ये कितने भी रोड़ा अटकाए, हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे. कर्मचारियों को रिटायरमेंट पर ब्याज सहित पूरा पैसा मिलेगा. मैनें राष्ट्रीय नेताओं से कहा कि तो किसी ने कहा सरकार बदल गई तो क्या होगा, तो मुझे चिंता हो गई कि सरकार वापस लानी होगी. गहलोत ने कहा कि रिफाइनरी में 5 साल की देरी हो गई 26 हजार करोड़ की लागत बढ़ गई. पीएम ERCP को वादा करके गए थे. लेकिन अटका रहे हैं. ऐसे में सरकार वापस लानी होगी.


मैनें जोशी-माथुर से पैरवी की, लेकिन सीएम बना तो आपके खिलाफ कैसे हो गया ‌ ?
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि पहली बार जब मैं मुख्यमंत्री बना तो कर्मचारियों की स्ट्राइक हो गई थी. 64 दिन की हड़ताल हो गई थी, नो वर्क नो पे हालात हो गए थे. मेरे प्रति जो गुस्सा था वो आपने चुनाव में निकाला. बाद में कर्मचारियों से रिश्ते ऐसे बने कि बिना मांगे सब कुछ दे दिया. तमाम बातें आपके सामने हैं, सरकार हमेशा आपके साथ खड़ी मिली है. थोड़ी गलती आंदोलनकारियों की हो गई, संवाद होता है वह तो थोड़ी बहुत गलती भी ठीक हो जाती. गहलोत ने कहा कि जब हरिदेव जोशी, शिवचरण माथुर मुख्यमंत्री थे, तो मैं आप लोगों की पैरवी करता था, लेकिन मैं मुख्यमंत्री बना तो आप के खिलाफ हो गया यह कैसे संभव हो सकता है.


सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति में मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हम सबने मिलकर योजनाएं बनाई है उन सब को लागू करना एक चुनौती है. हम सबके लिए इन्हें लागू करने के लिए सब को आगे आना पड़ेगा.  मैं मार्मिक अपील करता हूं कि योजनाओं को लागू करवाने में गांव तक उसका लाभ कैसे मिले गरीबों को आम लोगों को किसानों को ये सुनिश्चित करने के लिए वाले कर्मचारी संघ और कर्मचारियों, अधिकारियों की बड़ी भूमिका होती है. आप साथ निभाये ये मेरा विनम्र निवेदन है.


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