बिजली संकट को लेकर मुख्यमंत्री की आपात बैठक, ऊर्जा मंत्री समेत अधिकारी भी मौजूद
प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में भारी बिजली कटौती की जा रही है. भीषण गर्मी के बीच बिजली गुल होने से लोग हालाकान हैं. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसको लेकर खुद चिंतित हैं.
जयपुर: प्रदेश में बिजली संकट गहराता जा रहा है. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में भारी बिजली कटौती की जा रही है. भीषण गर्मी के बीच बिजली गुल होने से लोग हालाकान हैं. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इसको लेकर खुद चिंतित हैं. 12 बजे मुख्यमंत्री आवास पर सीएम अशोक गहलोत ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे हैं.
बैठक में ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, मुख्य सचिव उषा शर्मा, प्रमुख सचिव सीएम कुलदीप रांका, प्रमुख सचिव ऊर्जा भास्कर ए सावंत सहित ऊर्जा विभाग के अधिकारी मौजूद हैं. बैठक में बिजली प्रबंधन का खाका तैयार होगा. बैठक में कोयला उपलब्धता, एक्सचेंज और बिजली खरीदने को लेकर भी मंथन किया जाएगा. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलों के सभी कलेक्टर और संभागीय आयुक्त भी जुड़े हुए हैं.
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छात्र, किसान और आम लोग परेशान
प्रदेश में ऐसे समय पर बिजली संकट हुआ है जब बोर्ड परीक्षाएं आयोजित हो रही हैं. ऐसे में छात्रों के सामने बड़ी मुसीबतें खड़ी हो गई. प्रदेश में वैसे ही भीषण गर्मी का कहर जारी है. कई जिलों का तापमान 44 डिग्री से ऊपर पहुंच रहा है और ऊपर से बिजली गुल होने से परेशानी और बढ़ गई है. वहीं, किसानों के लिए भी मुसीबत का सबब बना हुआ है. खरीफ की फसलों की सिंचाई के लिए किसान बिजली पर निर्भर हैं, लेकिन अचानक से बिजली की समस्या पैदा होने से उनके सामने भी परेशानी बढ़ गई है.
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भीषण गर्मी से 35 फीसदी बढ़ी बिजली की मांग
इससे पहले गुरुवार को ऊर्जा मंत्री ने विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी समस्या दूर करने पर विस्तार से चर्चा की थी. प्रमुख शासन सचिव उर्जा एवं अध्यक्ष डिस्कॉम्स भास्कर ए सावंत ने बिजली की उपलब्धता एवं मांग व आपूर्ति की स्थिति के बारे में उर्जा मंत्री को विस्तार से जानकारी दी थी. मांग और सप्लाई में गड़बड़ी को लेकर उन्होंन बताया कि अप्रैल महीने में भीषण गर्मी और कोविड महामारी के बाद आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के चलते राजस्थान में बिजली की खपत में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष माह अप्रैल में बिजली की मांग में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. साथ ही पीक डिमांड भी 22 प्रतिशत बढ़कर 14200 मेगावाट तक पहुंच गई है.इस माह बिजली की खपत 3000 लाख यूनिट प्रतिदिन के स्तर पर पहुंच चुकी है.