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जयपुर: प्रदेश के 143 शहरों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे. इन एफएसटीपी पर 1000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. नगरीय विकास मंत्री के आवास पर गुरुवार को हुई बैठक में मुहर लगाई गई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में प्रदेश के 143 शहरों में 1000 करोड़ व्यय फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) लगाने की घोषणा की थी. ये प्लांट स्थानीय निकाय विभाग एवं आरयूआईडीपी द्वारा लगाए जाने हैं. बजट घोषणा के सम्बंध में नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई.
बैठक में विभाग के तकनीकी अधिकारियों ने फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट की आधुनिक तकनीक पर प्रस्तुतीकरण दिया गया. बैठक में सचिव स्वायत्त शासन डॉ जोगा राम, निदेशक हृदेश कुमार शर्मा, मुख्य अभियन्ता आरयूआईडीपी अरूण व्यास, परियोजना निदेशक आवासन प्रदीप कुमार गर्ग व अन्य विषय विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी मौजूद थे.
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अब सभी शहरों में मिलेगी FSTP सुविधा
प्रदेश के 143 शहरों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (एफएसटीपी) लगाने के बाद प्रदेश के सभी शहरों में सीवरेज सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. इससे पहले प्रदेश के 70 शहरों में विभिन्न योजनाओं एवं आरयूआईडीपी के माध्यम से सीवरेज ट्रीटमेंट की सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है. प्रदेश में लगने वाले 143 एफएसटीपी में से 68 एफएसटीपी आरयूआईडीपी लगाएगी. वहीं 75 एफटीपी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से लगाए जाएंगे.
यहां आरयूआईडीपी लगाएगा FSTP
मंत्री धारीवाल ने बताया कि सादडी, रानी, शिवगंज, भीनमाल, सांचौर, पीपाड़ सिटी, बिलारा, सोजत, मेड़ता सिटी, डेगाना, परबतसर, सागवाड़ा, सलूम्बर, नोहर, संगरिया, रावतसर, अनूपगढ़, केसरीसिंहपुर, श्री डुंगरपुर, राजगढ़, राजलदेसर, तारानगर, बिदासर, छबड़ा, अंता, रामगंजमण्डी, लाखेरी, इटावा, सुल्तानपुर, केकड़ी, विजयनगर, निवाई, गुलाबपुरा, मांडलगढ़, आसींद, बयाना, रूपवास, राजाखेड़ा, कोटपुतली, चाकसू, किशनगढ़-रेनवाल, खैरथल, थानागाजी, बहरोड़, उदयपुरवाटी, पिलानी,- विद्या विहार, बग्गड, श्रीमोधापुर, लोसल, तिजारा, डीग, कामां, गंगापुर, शाहपुरा-भीलवाड़ा, जोबनेर, जालौर, नीम का थाना, बाड़ी, पीलीबंगा, सूरतगढ़, चौमू, भीण्डर, कनोड, शाहपुरा-जयपुर, बांदीकुई, दौसा और करौली में आरयूडीआईपी की ओर से FSTP लगाये जायेंगे.
स्थानीय निकाय निदेशक इन शहरों में FSTP लगाएगा
इसी प्रकार स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से सरवाड़, खेरली, राजगढ़, किशनगढ़बास, मंगरोल, देशनोक, भुसावर, कुम्हेर, नदबई, नगर, वैर, जहाजपुर, कापरेन, केषवरायपाटन, नैनवा, इन्द्रगढ़, बैंगू, कपासन, छापर, पदमपुर, करनपुर, श्रीबिजयनगर, विराटनगर, फलोदी, बिसाऊ, मुकुंदगढ़, सूरजगढ़, कैथून, सांगोद, कुचेरा, मुण्डवा, नावां, बाली, फालना, तख्तगढ़, पिण्डवाड़ा, रींगस, खाटू श्याम जी, देवली, मालपुरा, टोडारायसिंह, परतापुर गढ़ी, महुवा, पोकरण, अकलेरा, टोडाभीम, छोटी सादड़ी, आमेट, देवगढ़, नसीराबाद, बानसूर, लक्ष्मणगढ़, रामगढ़, उच्चैन, अटरू, रतननगर, बसेड़ी, गजसिंहपुर, रायसिंहनगर, सादुलशहर, बगरू, बस्सी, पावटा, भवानी मण्डी, पिड़ावा, भोपालगढ,़ सुल्तानपुर, उनियारा, सीकरी, मंडावर, सरमथुरा, लालगढ- जाटन, सपोटरा, बामनवास, जवाल में FSTP लगाये जायेंगे. वहीं कैथून में 49 करोड़ रुपए की लागत से कम गहराई की सीवर लाईन, फीकल स्लज एवं सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करवाया जायेगा.
शहरों की 30 साल की जरूरत पूरी करेंगे
धारीवाल ने बताया कि एफएसटीपी में आधुनिक स्वःचलित मशीनों का उपयोग किया जाएगा. सम्पूर्ण ट्रीटमेंट पलांटों में पर्यावरण सुरक्षा में सुधार की दृष्टि से सभी गतिविधियॉ आधुनिक शेड के अन्दर रखी जाएगी.सभी ट्रीटमेंट प्लांट संबंधित शहरों की आगामी 30 वर्ष की आवश्यकता को पूर्ण करेंगे. योजना में ट्रीटमेंट प्लांट के 10 वर्षीय रखरखाव का प्रावधान भी किया गया है. ट्रीटमेंट प्लांट से उपचारित जल का उपयोग ट्रीटमेंट प्लांट परिसर के उद्यानिकी कार्यों में किया जाएगा. ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाले ठोस अपशिष्ठ को पायरोलिसिस पद्धति से उपचारित कर बायोचार का उपयोग खाद के रूप में किया जाएगा. प्लांट में विद्युत व्यय को कम करने के लिए सौलर पावर प्लांट लगाए जाएगे. सभी ट्रीटमेंट प्लांटों में निर्धारित मानकों की ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जायेगी.