CM Ashok Gehlot आज करेंगे कैबिनेट बैठक, संपूर्ण लॉकडाउन सहित इन मुद्दों पर होगा मंथन
सरकार की मंशा है कि हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएं. ऑक्सीजन प्लांट को लेकर आज कैबिनेट में मुहर लग सकती हैं, इसके लिए सरकार कई कंपनियों से वार्ता भी कर रही है.
Jaipur: प्रदेश में लागू किए गए रेड अलर्ट अनुशासन पखवाड़े (Red Alert Discipline Fortnight) के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज मंत्रिमंडल समूह की बैठक बुलाई है.
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मुख्यमंत्री आवास पर शाम 5 बजे कैबिनेट की बैठक होगी. उसके बाद शाम 5:30 बजे मंत्री परिषद की बैठक होगी. तमाम मंत्री वर्चुअल तौर पर बैठक में शामिल होंगे. सूत्रों की मानें तो बैठक में संपूर्ण लॉकडाउन सहित कई मुद्दों पर मंथन होगा. इसके साथ ही शादी विवाहों पर सख्ती बरतने के साथ ही निजी और सरकारी बसों के संचालन पर रोक का फैसला भी कैबिनेट की बैठक में हो सकता है.
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राहुल गांधी के ट्वीट के बाद सरकार में मंथन
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की ओर से कोरोना की चेन तोड़ने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन की मांग के बाद माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राहुल गांधी के सुझाव पर अमल कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के संपूर्ण लॉकडाउन के सुझाव पर आज कैबिनेट में चर्चा होगी. इस बारे में मुख्यमंत्री गहलोत कैबिनेट और मंत्रिपरिषद के सभी सदस्यों से राय मशवरा करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत कई और अहम मुद्दों पर कैबिनेट में आज चर्चा कर सकते हैं.
रेड अलर्ट अनुशासन पखवाड़े की गाइड लाइन पर भी हो सकती चर्चा
सूत्रों की मानें तो सरकार की मंशा है कि हर जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किए जाएं. ऑक्सीजन प्लांट को लेकर आज कैबिनेट में मुहर लग सकती हैं, इसके लिए सरकार कई कंपनियों से वार्ता भी कर रही है. सूत्रों की मानें तो मंत्रिमंडल और मंत्रिपरिषद की बैठक में अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन कटौती के प्रस्ताव भी लाया जा सकता है. निःशुल्क वैक्सीनेशन के कारण सरकार पर अतिरिक्त भार के चलते सरकार वेतन कटौती का फैसला ले सकती है. इसके अलावा वैक्सीनेशन खरीद को लेकर भी कैबिनेट और मंत्रिपरिषद की बैठक में चर्चा होगी. साथ ही रेड अलर्ट अनुशासन पखवाड़े की गाइड लाइन की सख्ती से पालना को लेकर चर्चा होगी. संक्रमण पर काबू पाने के लिए क्या कड़े कदम उठाए जाएं इस पर भी कैबिनेट की बैठक में चर्चा होनी है.
निजी वाहनों पर रोक लगाने को लेकर हो सकता विचार
कैबिनेट और राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार निजी, सरकारी बसों और टैक्सियों पर रोक लगाने का फैसला ले सकती है, इसके पीछे वजह ये है कि सरकार शादी विवाहों पर चाहकर भी रोक नहीं लगा सकती है, लेकिन शादी विवाहों में लोगों की आवाजाही रोकने के लिए निजी, सरकारी बसों और टैक्सियों पर रोक लगाने का फैसला ले सकती है. प्राइवेट वाहनों पर तक सरकार पहले रोक लगा चुकी है. अगर निजी, सरकारी बसों और टैक्सियों पर रोक लगती है तो शादी-विवाहों में लोगों की आवाजाही पर रोक लगेगी.
राहुल गांधी ने दिया लॉकडाउन का सुझाव
आपको बता दें कि लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसकी पैरवी की है. देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संकट के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर भारत सरकार को सुझाव दिया है. राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा है कि इस वक्त कोरोना की लहर को रोकने का एक मात्र उपाय संपूर्ण लॉकडाउन ही है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि भारत सरकार समझ नहीं रही है, कोरोना के प्रसार को रोकने का एकमात्र उपाय संपूर्ण लॉकडाउन ही है लेकिन समाज के कुछ तबकों को न्याय योजना का लाभ देने के साथ ही भारत सरकार का एक्शन ना लेना इस वक्त मासूम लोगों को मार रहा है हालांकि राहुल गांधी अबतक लॉकडाउन के विरोध में अपनी राय रखते आए हैं. पिछले साल भी जब भारत सरकार ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाया था तब राहुल गांधी ने इसकी आलोचना की थी.
राजस्थान में बढ़ रहे कोरोना आंकड़े
राहुल गांधी ने कई बार कहा है कि लॉकडाउन सिर्फ कोरोना की स्पीड को रोकता है, उसे खत्म नहीं करता है लेकिन राहुल इस बार खुद संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की बात कर रहे हैं. माना जा रहा है कि राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद में प्रदेश की गहलोत सरकार भी संपूर्ण लॉकडाउन को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दी पहले कह चुके हैं कि लॉकडाउन आखिरी विकल्प के रूप में काम में लिया जाएगा लेकिन राजस्थान में जिस तरीके से हजारों की संख्या में हर दिन कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं, इस चेन को तोड़ने के लिए सरकार यह कठोर कदम उठा सकती है.
कोरोना के कारण प्रदेश का हाल हुआ बेहाल
इस वक्त कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा है, जो काफी खतरनाक है, पिछले करीब दो हफ्ते से प्रदेश में हर दिन 20 हजार से ज्यादा कोरोना के केस आ रहे हैं, जबकि अब हर रोज डेढ़ सौ से ज्यादा मौतें दर्ज की जा रही हैं.