Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि प्रदेश में सड़क निर्माण (Road Construction) एवं खराब सड़कों की मरम्मत हमारी सरकार की प्राथमिकता में हैं. उन्होंने सड़कों की क्वालिटी मैन्टेन करने के साथ-साथ उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा निगरानी पर जोर दिया. उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करें एवं वरिष्ठ अभियंता फील्ड में जाकर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच करें.


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गहलोत मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सार्वजनिक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने नोन पेचेबल सड़कों का कार्य प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए और कहा कि जहां स्थिति ज्यादा खराब है, वहां मरम्मत कार्य पहले हों. साथ ही डिफॉल्ट लायबिलिटी पीरियड में सड़कें खराब होने पर समय पर मरम्मत सुनिश्चित करने एवं राज्य सरकार द्वारा की गई बजट घोषणाओं (Budget Announcements) के कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए.


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मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी मंशा है कि प्रदेश में शानदार सड़कें बने. सड़कों की गुणवत्ता (Quality of Roads) की मॉनिटरिंग के लिए सिस्टम तैयार हो ताकि आमजन को अच्छी सड़कें मिलें. गहलोत ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में करीब 20 हजार करोड़ रुपए लागत के सड़क निर्माण एवं मरम्मत कार्यों की घोषणा की गई है. हर जिले में सड़क निर्माण की घोषणाओं में कोई कमी नहीं रखी गई है. प्रत्येक विधायक के क्षेत्र में 5 करोड़ रुपए की सड़कों के कार्य करवाए जा रहे हैं.


बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने बजट घोषणाओं की प्रगति के बारे में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश (Rajasthan News) में खराब सड़कों का सर्वे करवाया गया था. सर्वे में 15710 किलोमीटर नोन पेचेबल सड़कें मिली, जिनमें से इस वित्तीय वर्ष में 6776 किलोमीटर सड़कों की स्वीकृतियां जारी कर दी गई, शेष सड़कों के लिए स्वीकृतियां अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित हैं. यादव ने बताया कि थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के लिए 18 आईक्यूएम का चयन किया गया है. यादव ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में 995 करोड़ रूपए लागत की 3227 किमी लम्बाई के 1523 कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई हैं. 653 करोड़ रुपए की मिसिंग लिंक एवं 342 करोड़ रुपए की नोन पेचेबल सड़कों की स्वीकृतियां जारी की गई हैं.