कृषि कानूनों की वापसी पर CM Gehlot का बड़ा बयान, बोले- मोदी सरकार के अहंकार की हुई हार
कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के फ़ैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने देरी से लिया गया निर्णय बताया है.
Jaipur: कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के फ़ैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने देरी से लिया गया निर्णय बताया है.
CM ने कहा है कि यह निर्णय लोकतंत्र की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा PM के इस फ़ैसले के बाद भी किसानों को उन पर भरोसा नहीं है. ये बता रहा है कि देश की मौजूदा सरकार अपनी साख खो चुकी है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फ़ैसले को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकतंत्र की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार बताया है. यह पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों के धैर्य की जीत है. देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता एवं अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी है.
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प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जो हालात हैं, देश में वो सबके सामने हैं. 1 साल तक संघर्ष चले किसानों ने भी इतिहास बनाया है. मोदी और उनकी सरकार के लोग समझ नहीं पा रहे हैं, जो पंजाब और हरियाणा बॉर्डर पर बैठे हुए थे. उन किसानों की भावना समझने में देर हुई इसी कारण यह संघर्ष चलता रहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष और जनता कीबात को सुनना ज़रूरी है लेकिन भाजपा की प्रकृति में घमंड है और आज उनका घमंड शुरू हुआ है प्रधानमंत्री को सामने आना पड़ा और संदेश देना पड़ा कि 3 कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार पहले ही ये निर्णय कर चुकी है विधानसभा में फ़ैसला किया गया था. मुख्यमंत्री ने किसानों की जीत पर प्रदेशवासियों की ओर से बधाई दी.
केंद्र सरकार अपने साख खो चुकी
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की एक गाउन के संरक्षक को देश सलाम करता है लेकिन अभी भी किसानों का भरोसा सरकार पर नहीं है. केंद्र सरकार अपने साख खो चुकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव में राजस्थान सहित देश के अलग अलग राज्यों से जो संदेश दिया है, उससे अब भाजपा को UP सहित अन्य राज्यों में हार का डर है. अगर UP हार गए तो फिर 224 में क़ामयाब होने का सपना रह जाएगा, इसीलिए पूरी ताकत भाजपा झोंक रही है. इससे पता लगता है कि कितनी घबराहट इनके अंदर है. उसी घबराहट में यह फैसला किया है. मुख्यमंत्री ने कहा जब सरकार की साख़ खत्म हो जाती है. तब यह आशंका पैदा हो जाती है. इस सरकार के सामने घोषणा के बाद भी लोगों में शक है कि यह क्या करेंगे. प्रधानमंत्री अगर घोषणा कर दी. उसके बाद भी अगर लोगों के मन में शक है तो यह क्रेडिबिलिटी का संकट है. इसलिए हम बार-बार कह रहे हैं कि देश किस दिशा में जाएगा. इसके लिए ज्यादा कोई नहीं जानता. इनकम टैक्स ईडी-सीबीआई पर जो दबाव है, वह दबाव पूरा देश महसूस कर रहा है.
डोटासरा ने भी बोला हमला
PCC अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने इसे किसानों की किसानों की एकता की जीत है बताया. प्रदेशकांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को घमंड आ गया है. उनका षड्यंत्र हार गया है. प्रधानमंत्री को देश के किसानों से माफ़ी मांगनी चाहिए. इस आंदोलन में जो 700 किसान शहीद हुए हैं, उनसे माफ़ी मांगनी चाहिए. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा देर आय, दुरुस्त आए लेकिन अभी भी हमें लगता है इनके मन में बेईमानी है. केवल आगे आने वाले चुनाव को देखते हुए षड्यंत्र की रचना रची जा रही है. कोर्ट को कब तक मैनेज करते उसकी भी एक सीमा है. इन्हें पता था कोर्ट से इनके खिलाफ फैसला आने वाला था. आज भी इनके मन साफ नहीं है लेकिन हमारे नेता सोनिया गांधी राहुल गांधी के नेतृत्व में हर किसान के संघर्ष के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है. कांग्रेस और किसान का चोली दामन का साथ है. हमेशा जब भीकिसान पर दिक्कत आई है तो कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के साथ खड़ी रही है.
राजस्थान विधानसभा में कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव हुआ पारित
इसमें कहीं कोई दो राय नहीं है कि राजस्थान कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में इस आंदोलन के दौरान पुरज़ोर तरीक़े से अपनी आवाज़ उठायी. राजस्थान विधानसभा में कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया गया. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं ने लगातार सड़कोंपर उतरकर किसानों के समर्थन में आवाज़ को बुलंद किया. ऐसे में PM के इस फ़ैसले के बाद राजस्थान कांग्रेस बेहद उत्साहित है और उम्मीद है कि मिशन 2 में राजस्थान में सरकार रिपीट करने में इस फ़ैसले की बड़ी भूमिका हो सकती है.