तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का ऐलान, जानें राजस्थान के मंडी कारोबारियों और किसान संगठनों की राय
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तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का ऐलान, जानें राजस्थान के मंडी कारोबारियों और किसान संगठनों की राय

पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि सरकार आगामी सत्र के दौरान तीनों कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर लेगी.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: केंद्र सरकार ने पिछले एक साल से किसान आंदोलन (Farmer Protest) की वजह बने तीनों नए कृषि कानून (Farm Laws) वापस ले लिए हैं. राजस्थान (Rajasthan News) के मंडी कारोबारियों और किसानों (Farmers) से जुड़े संगठनों ने इस कदम का स्वागत किया है. इनका कहना है कि देश में कृषि कानूनों को लेकर बना हुआ गतिरोध इससे दूर होगा. कानूनों को वापस लेने के साथ ही आवश्यक है कि किसानों की आय बढ़ाने और कृषि नवाचारों की दिशा में कदम तेजी से बढ़ाए जाए. 

-मोदी सरकार का कृषि बिलों को लेकर बड़ा फैसला
-तीनों नए कृषि कानून वापस लेने का पीएम मोदी ने किया ऐलान
-अगले संसद सत्र में कानून वापसी की प्रक्रिया होगी अंतिम
-राजस्थान के मंडी कारोबारियों और किसानों से जुड़े संगठनों ने किया स्वागत
-कहा: गतिरोध दूर होने से देश के विकास की रफ्तार को मिलेगी गति
-मंडियों में कृषि जिसों का फ्लो अब होगा सामान्य  
-किसानों की आय बढ़ाने और कृषि नवाचारों की दिशा में पहल की मांग

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पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है. पीएम मोदी ने देश के नाम संबोधन में कहा कि सरकार आगामी सत्र के दौरान तीनों कानूनों को वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर लेगी. किसान अपने घर लौट जाएं. सरकार ने नेक नियत से इसको आगे बढ़ाने का प्रयास किया था लेकिन किसानों की असहमति की वजह से इस कानून को वापस लिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस फैसले का भारतीय उद्योग व्यापार मंडल, जयपुर फल व सब्जी थोक व्यापार संघ, मुहाना मंडी समेत किसान संगठनों और व्यापारिक संगठनों ने स्वागत किया है.

भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (Indian Industry Trade Board) के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि यह फैसला किसान और कारोबारी दोनों के हित में है. किसान पहले भी अपना उत्पाद देश में कहीं भी बेच सकता था, इसे कानूनी जामा पहनाकर कुछ नया नहीं हुआ था. इस फैसले के बाद अब मोदी सरकार (Modi Government) को किसानों की आय बढ़ाने के लिए फोकस करना चाहिए.

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भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के चेयरमैन बाबूलाल गुप्ता का कहना है केंद्र सरकार (Central Government) ने एक विशेष कमेटी किसानों की फसलों के मूल्यों को लेकर गठित की है, इसमें कारोबारियों के प्रतिनिधि को भी लेना चाहिए. साथ ही मंडियों के इंफ्राट्रक्चर (Infrastructure) और उत्पादन लागत कम करने की तकनीक विकासित करने पर काम करना चाहिए.

जयपुर फल व सब्जी थोक व्यापार संघ, मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि यह फैसला बेहद स्वागत योग्य है. गुरुनानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) पर हुआ यह निर्णय किसानों को बड़ी राहत देगा. मंडियों में भी लंबे समय से व्यवस्था बिगड़ी हुई थी, गतिरोध खत्म होने पर कारोबार (Business) सुगम होगा.

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राजस्थान (Rajasthan News) के किसान और कारोबारी संगठनों (Business organizations) के प्रतिनिधियों का कहना है कि बंद रास्ते भी अब खुलने चाहिए. शांतिपूर्वक किए गए इस प्रदर्शन की बड़ी जीत कानून वापसी के रूप में हो चुकी है. हाईवे (Highway) खुलने से आवागमन को लेकर बनी हुई परेशानी दूर होगी.

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