सीएम गहलोत ने IAS पवन अरोड़ा को बताया अपना साथी, सबके सामने कह दी ये बात, IAS ने जोड़ लिए हाथ
राजधानी जयपुर में दिल्ली की तर्ज पर 18 महीने में तैयार होने वाले कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का आज शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम हुआ. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शायराना अंदाज में केंद्र सरकार से लेकर पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार और विपक्ष पर खूब तंज कसे.
Jaipur: राजधानी जयपुर में दिल्ली की तर्ज पर 18 महीने में तैयार होने वाले कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का आज शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम हुआ. इसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शायराना अंदाज में केंद्र सरकार से लेकर पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार और विपक्ष पर खूब तंज कसे. इतना ही नहीं सीएम अशोक गहलोत ने मंच से अपने संबोधन में आवासन मंडल आयुक्त पवन अरोड़ा को अपना साथी बताते हुए राजनीति में कदम रखने की बात कही. गहलोत ने IAS पवन अरोड़ा को अपना साथी बताते हुए कहा कि अब मैंने साथी बोल दिया है तो राजनीति में आना ही पड़ेगा. आपके पास बैठी हुई चीफ सेक्रेटरी बोले कि आपने हमारी ब्यूरोक्रेट्स को साथी कैसे बोल दिया. इस पर पवन अरोड़ा ने भी सीएम के आगे हाथ जोड़ दिए.
दोस्त हो जाएं तो कभी शर्मिन्दा ना होना पड़े
गहलोत ने BJP विधायकों से शायराना अंदाज में कहा कि दुश्मनी जमकर करो, लेकिन ये गुंजाइश रखो कि जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिन्दा ना होना पड़े. उन्होंने कहा आपस में लड़ाई हमारी विचारधारी की है. व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है, लेकिन ये ध्यान रहे कि लक्ष्मण रेखा क्रॉस ना हो. चाहे केन्द्र हो या राज्य हो. कॉन्सटिट्यूशन क्लब का ये माहौल एसेम्बली में नहीं मिलेगा. मिलना भी नहीं चाहिए. क्योंकि वहां पक्ष और विपक्ष होता है. यहां रिटायरमेंट के बाद में आ जा सकें. उन्होंने कहा हम जब एमएलए-एमपी होते हैं, तब तो पब्लिक काम के लिए आगे पीछे घूमती हैं. जब कुछ नहीं रहते हैं, तो क्या स्थिति बनती है सब जानते हैं. 8 करोड़ की जनता में हम 200 लोग ही हैं. आपको पब्लिक के आशीर्वाद से सम्मान मिलता है. लोग हमारी झूठी सच्ची आलोचना भी करते हैं. लेकिन सब लोगों से मिलना पड़ता है.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि बुढ़ापे में राजनीति करना हमारे जैसे बुजुर्ग नेताओं की सेहत के लिए बहुत जरूरी है. इसलिए अंतिम सांस तक हमें जनता की सेवा करने की जरूरत है. पॉलिटिशियन को ज्यादा लोगों से मिलना पड़ता है, तो दुखी होता है. जब उससे लोग मिलने नहीं आते तो भी वह दुखी होता है कि कहीं दुकान तो बंद नहीं हो रही है. उन्होंने कहा मैं पीएम मोदी को सलाह देना चाहूंगा कि 75 साल के बाद नेता को घर बैठाने का उनका फैसला अच्छा नहीं है.
कभी कांग्रेस में कामराज का फैसला हुआ था कि 60 साल के नेता को राजनीति से निकाल दो. मैंने पता किया है कि पहले के दौर में 34 साल व्यक्ति कि एवरेज उम्र होती थी. 1960 में जब कामराज जी ने फैसला किया तब एवरेज उम्र 40 होती थी. बाद में उम्र बढ़ती गई. अब औसत उम्र 70 साल है. यहां कई ऐसे मंत्री नेता बैठे हैं. हेमाराम चौधरी, शांति धारीवाल, गुलाबचन्द कटारिया, डॉ. सीपी जोशी जैसे नेता क्या बूढ़े दिखते हैं. 10 किलोमीटर रोज चलते हैं. एसेम्बली और बाहर भी मुकाबला करते हैं. गुलाबचन्द कटारिया को राज्यपाल बना दें तो बात अलग है.
यह भी पढ़ें: Rajasthan में बिना मास्क पकड़े गए तो भरना पड़ेगा 1000 रुपए का जुर्माना
हम रिटायर हो जाएं तो कहां जाएं, हुलिया क्यों बिगाड़ें ?
सीएम गहलोत ने राजेन्द्र राठौड़ से कहा आप तो स्व. भैरों सिंह शेखावत के शागिर्द रहे हो. बताओ हम रिटायर हो जाएं तो कहां जाएं. घर बैठ जाएंगे तो लोग मिलने भी नहीं आएंगे. स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा. आपको अगर यह कह दिया गया कि उम्र हो गई है, घर बैठ जाओ, तो स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा. इसलिए यह हमारे इंट्रेस्ट की बात नहीं है. सेहत के लिए जरूरी है. क्योंकि बुढ़ापे में स्वास्थ्य खराब हो जाए तो क्या मतलब निकलेगा. हमने ऐसा क्या गुनाह किया है. जिन्दगी भर जनता के काम में लगा दी. अब बीमार हो जाएं तो हुलिया ही बिगड़ जाता है. हम अपना हुलिया क्यों बिगाड़ें.
युवा पीढ़ी के नेताओं की होनी चाहिए रगड़ा
युवा पीढ़ी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को रगड़ाई करवाने की भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि जब में NSUI में था तो मेरी भी खूब रगड़ाई हुई है. जो युवा नेता-कार्यकर्ता राजनीति में ऊपर आ रहे हैं उनकी रगड़ाई यानी ग्रूमिंग जरूरी है. क्योंकि जो संगठन में रहकर लम्बे वक्त तक रगड़ाई करवाकर कुर्सी पर आता है उसकी सोच, व्यवहार, काम करने का तरीका, अनुभव सब अलग ही होता है. वह उसके मिलने और लोगों से बात करने में भी नजर आता है. जबकि कोई सीधा राज्यसभा में चला जाता है या बिना संगठन में रगडा़ई करवाए आ जाता है तो उसके व्यवहार में बहुत अंतर होता है. नए लोग भी मंत्री, मुख्यमंत्री सभी पदों पर आएं, लेकिन उनकी ग्रूमिंग होना और संगठन में काम करके आना जरूरी है. गहलोत ने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैंने भी 40 साल रगड़ाई करवाई है. आज राजनीति में 50 साल हो गए हैं.
यह भी पढ़ें: जीभ के नीचे 5.79 लाख का सोना छुपाकर दुबई से आया युवक, ऐसे पकड़ा गया
लोग कहते हैं पक्ष और विपक्ष मिले हुए
सीएम गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया, उपनेता राजेन्द्र राठौड़ और विपक्ष के नेताओं पर चुटकी लेते हुए गहलोत ने कहा कटारिया ने जिस तरह का प्रेजेंटेशन मंच पर दिया, ऐसा लगता ही नहीं है कि विधानसभा में उन्होंने रीट मामले मे सीबीआई जांच की मांग की हो. राजेन्द्र राठौड़ और अशोक लाहौटी भी इतने प्यार से बैठे हुए हैं, जैसे विधानसभा में कुछ हुआ ही नहीं हो. कुछ ही मौके मिलते हैं जब पक्ष-विपक्ष साथ-साथ बैठते हैं. इसीलिए कई बार पब्लिक कह देती है कि दोनों मिले हुए हैं.
वसुंधरा राजे के पहली बार मुख्यमंत्री बनने के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए बताया कि तब एसेंबली समाप्त होने पर राजे पिक्चर हॉल में सिनेमा दिखाने सभी विधायकों को ले जाती थीं. हम कहते थे कमाल का मामला है हमारे विपक्ष के लोगों को भी फिल्म दिखाने ले जा रही हैं. मैंने एतराज किया कि दिनभर तो तुम लोग लड़ते हो और फिर साथ में फिल्म देखते हो. लोग कहेंगे कि दोनों आपस में मिले हुए हो. गहलोत ने राजेन्द्र राठौड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि पहले की बात कुछ और थी. पिक्चर सिनेमा देखना और गाने गाना. उन्होंने राठौड़ पर चुटकी लेते हुए कहा कि राठौड़ तो गाने गाने के शौकीन हैं. पहले इनका घर मेरे पड़ोस में था, तो ये जन्मदिन पर गाने गाते थे, लेकिन मुझे इनवाइट नहीं करते थे. मैंने मालूम किया तो धर्मेन्द्र राठौड़ ने कहा मैंने पता कर लिया राजेन्द्र राठौड़ की हो आवाज थी.
राजस्थान देश का पहला राज्य जिसने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब निर्माण की पहल की है. आवासन मण्डल आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया से बेहतर होगा एवं यहां सुविधाएं भी उससे अधिक होंगी. उन्होंने बताया कि विधानसभा के पास करीब 4 हजार 948 वर्गमीटर के भू-खण्ड पर करीब 80 करोड़ रूपए की लागत से क्लब का निर्माण किया जा रहा है. इसमें रेस्टोरेंट, कॉफी हाउस, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, मीटिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल, जिम, सैलून, बैडमिंटन एवं टेनिस कोर्ट, टेबल टेनिस सहित अतिथियों के ठहरने हेतु कमरों की सुविधा उपलब्ध होगी। यह क्लब एसटीपी, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल, पावर बैकअप सिस्टम, सीसीटीवी आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा.
विधायक आवास की समस्या भी खत्म
विधायकों के आवास की समस्या काफी पुरानी थी. विधायक नगर पूर्व और पश्चिम तथा जालूपुरा में बने विधायक आवास काफी पुराने एवं जर्जर हो चुके थे. ऐसे में हमारी सरकार ने वर्षों से लंबित विधायकों की इस समस्या का समाधान करते हुए विधायक आवास परियोजना को मंजूरी दी. सभी के सहयोग से यह परियोजना साकार हो रही है. अब तक इसमें शानदार कार्य हुआ है. पांच माह में विधायक आवासों का 6 मंजिल का ढांचा तैयार होना काफी बड़ी बात है. विधायक आवास परियोजना एवं कॉन्स्टीट्यूशन क्लब दोनों परियोजनाओं को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. कॉन्स्टीट्यूशन क्लब की सुविधाओं का लाभ वर्तमान विधायकों के साथ पूर्व विधायकों को भी मिलेगा.
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के विचार को मूर्त रूप देने और वित्तीय प्रावधान करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि यहां विधायक एक-दूसरे से वैचारिक चर्चाएं कर पाएंगे और उनके आपसी संबंध प्रगाढ़ होंगे. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि आवासन मंडल इस महत्वाकांक्षी परियोजना को समय पर पूरा करेगा. नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का संवैधानिक संस्थाओं को मजबूत बनाने का जो ध्येय है, उसे विधायक आवास परियोजना और कॉन्स्टीट्यूशन क्लब जैसे कार्यों से आगे बढ़ाया जा रहा है.
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब से विधायकों के बीच सद्भाव का माहौल बनेगा. धारीवाल ने कहा कि दिसम्बर 2018 में हमारी सरकार बनी तब राजस्थान आवासन मंडल हमें करीब-करीब बंद होने के हालात में मिला. आज मानसरोवर में पार्क, प्रताप नगर में ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के लिए आवास योजना, कोचिंग हब, चौपाटी निर्माण जैसे विकास कार्यों से आवासन मण्डल के प्रति लोगों का नजरिया बदला है.
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने कहा कि राजस्थान देश का पहला राज्य है, जिसने कॉन्स्टीट्यूशन क्लब निर्माण की पहल की है. आवासन मण्डल आयुक्त पवन अरोड़ा ने कहा कि कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया से बेहतर होगा एवं यहां सुविधाएं भी उससे अधिक होंगी. उन्होंने बताया कि विधानसभा के पास करीब 4 हजार 948 वर्गमीटर के भू-खण्ड पर करीब 80 करोड़ रूपए की लागत से क्लब का निर्माण किया जा रहा है. इसमें रेस्टोरेंट, कॉफी हाउस, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, मीटिंग, कॉन्फ्रेंस हॉल, जिम, सैलून, बैडमिंटन एवं टेनिस कोर्ट, टेबल टेनिस सहित अतिथियों के ठहरने हेतु कमरों की सुविधा उपलब्ध होगी. यह क्लब एसटीपी, वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम, सोलर पैनल, पावर बैकअप सिस्टम, सीसीटीवी आदि अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा.