Jaipur: भरतपुर के बंसी पहाड़पुर में स्थानीय लोगों को खान आवंटित (Mine Allotted) करने की मांग को लेकर मामला गर्मा गया है. विधायक अमर सिंह जाटव (Amar Singh Jatav) के नेतृत्व में 5 गांव के सरपंच और स्थानीय लोग इस मांग को लेकर जयपुर पहुंचे हैं. उनका कहना है कि खान आवंटन पर पहला अधिकार स्थानीय लोगों का है ऐसे में स्थानीय लोगों को खाने आवंटित की जानी चाहिए.


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राजस्थान के भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर गुलाबी और लाल पत्थरों के लिए विख्यात है. इन पत्थरों की मांग देश भर में होती रही है. राम मंदिर निर्माण के लिए भी इस पत्थर का उपयोग किया जा रहा है लेकिन कुछ समय पहले वन्यजीव अभयारण्य में आने के कारण बंशी पहाड़पुर में खनन पर रोक लगा दी गई थी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रयासों से इस साल मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र ब्लॉक ए और बी सुखासिला एवं कोट क्षेत्र को बंध बारेठा वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया.


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जून में केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने भरतपुर के बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कराई गई. भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लॉक तैयार कर इनके ऑक्शन किए गए हैं.


खान विभाग की ओर से ई ऑक्शन के जरिए खानों का ऑक्शन किया जा रहा है. इधर ऑक्शन में स्थानीय लोगों को थाने आवंटित करने को लेकर लोग लामबंद हो गए. स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां की खानों पर पहला अधिकार स्थानीय लोगों का है, ऐसे में उन्हें खाने आवंटित करने में प्राथमिकता दी जाए.


विधायक अमर सिंह जाटव के नेतृत्व में 5 गांव के सरपंच और स्थानीय लोग जयपुर पहुंचे हैं. यह लोग पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मिलकर अपनी पीड़ा बता रहे हैं, वहीं वन मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) से भी मुलाकात करेंगे. ग्रामीण वर्तमान में जारी पट्टों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं.


- बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 120 हैक्टेयर खनन क्षेत्र को राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड के लिए आरक्षित किया गया है.


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- वहीं 230.64 हैक्टेयर क्षेत्र में 39 खनन प्लॉट विकसित कर ई नीलामी की गई.


- 135.94 हैक्टेयर क्षेत्र के 30 खनन प्लाटों की ई नीलामी 10 नवंबर से शुरू होकर 24 नवंबर तक चली.


- वहीं 94.70 हैक्टेयर क्षेत्र के 9 खनन प्लॉटों की नीलामी 25 नवंबर से आरंभ होकर 3 दिसंबर तक चली.