Jaipur: 23 और 24 जुलाई को आयोजित होने वाली रीट अध्यापक पात्रता परीक्षा के बाद होने वाली शिक्षक भर्ती का सिलेबस पिछले दिनों शिक्षा विभाग ने जारी किया. लेकिन सिलेबस जारी होने के बाद ही प्रदेश के करीब 18 लाख से ज्यादा बेरोजगार असमंजस की स्थिति में हैं. विभाग के जारी इस सिलेबस को प्रदेश के बेरोजगारों ने सिलेबस नहीं मानते हुए. सिर्फ परीक्षा कार्य योजना करार दिया है. साथ ही शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला से जल्द ही विस्तृत सिलेबस जारी करने की मांग की है.


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शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षक भर्ती 2022 का सिलेबस 1 अप्रैल 2022 को देर रात जारी किया गया. लेकिन विभाग से जारी सिलेबस में जो कमियां बताई जा रही हैं जो कुछ यूं है-


1- सिलेबस ना होकर परीक्षा योजना करार दिया जा रहा है.
2- लेवल 2 में विद्यालय विषयों में पूछे जाने वाले प्रश्नों का पाठ्यक्रम उच्च माध्यमिक रखा गया है व कठिनाई का स्तर स्नातक रखा गया है.
3- जबकि साल 2012 और 2013 में कांग्रेस सरकार द्वारा आयोजित की गई तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में प्रश्नों का पाठ्यक्रम 10वीं कक्षा तक का ही रखा गया था,और     कठिनाई लेवल 12वीं कक्षा तक का रखा गया था.
4- अध्यापक लेवल भर्ती परीक्षा में विज्ञान और गणित विषय का एक ही अध्यापक चयन किया जाता है, जबकि ये दोनों अलग-अलग विषय हैं.
5- 10वीं के बाद विज्ञान संकाय में जीव विज्ञान के अभ्यर्थी को गणित विषय नहीं पढ़ाया जाता है, वहीं गणित के अभ्यर्थी को जीव विज्ञान विषय को नहीं पढाया जाता है.
6- कठिनाई का स्तर स्नातक होने से अभ्यर्थी को छठी कक्षा से स्नातक की सभी पुस्तकों को अध्ययन करना होगा, वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी स्नातक की पुस्तकों का     अध्ययन करना होता है, तो फिर अध्यापक लेवल प्रथम-द्वितीय और वरिष्ठ अध्यापक चयन परीक्षा में क्या अंतर       रहेगा.
7- सिलेबस में सामान्य ज्ञान शब्द जोड़ा गया है, वहीं इसी परीक्षा योजना में राजस्थान का भूगोल,इतिहास, कला संस्कृति भी जोड़ा गया है,तो राजस्थान के सामान्य ज्ञान में         ऐसे कौनसे प्रश्न पूछे जाएंगे ये बड़ा सवाल है.
8- स्कूल व्याख्याता भर्ती में पूछे जाने वाले विषय जैसे कि शैक्षिक परिदृष्य,आरटीई एक्ट 2009, सूचना तकनीकी जैसे विषयों को अध्यापक भर्ती परीक्षा में शामिल किया गया     है.
सिलेबस में रही कमियों को लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ अध्यक्ष उपेन यादव के नेतृत्व में बेरोजगारों ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपकर कमियों को जल्द दूर करने की मांग रखी. मुलाकात के बाद उपेन यादव ने बताया कि "शिक्षा विभाग ने सिलेबस तो जारी कर दिया है. लेकिन ये सिलेबस काफी कंफ्यूजन वाला है. इसलिए शिक्षा विभाग को सिलेबस टॉपिक वाइज विस्तृत रूप से जारी करना चाहिए और कठिनाई स्तर भी पूर्व शिक्षक भर्ती 2012 और 2013 के अनुसार ही रखा जाए, जिससे प्रदेश के लाखों बेरोजगारों को राहत मिलेगी.


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रीट लेवल द्वितीय अभ्यर्थी अरुण ढाका का कहना है कि हाल ही में जारी किया गया मुख्य चयन प्रक्रिया का सिलेबस ना होकर परीक्षा योजना है. जिसमें स्कूली पाठ्यक्रम में पढ़ाए जाने वाले विषय को शामिल किया गया है. राजस्थान में होने वाली प्रत्येक प्रतियोगी परीक्षाओं में विभाग ही चयन परीक्षा का बिंदुवार पाठ्यक्रम जारी करता है. इसलिए अध्यापक लेवल 1 और 2 के लिए बिंदुवार टॉपिकवार पाठ्यक्रम का वर्गीकरण जल्द किया जाना चाहिए.


रीट अध्यापक भर्ती में शामिल हुए देवेन्द्र शर्मा का कहना है कि पहले तीन साल तक इस भर्ती की तैयारी की और फिर पेपर रद्द होने से परीक्षार्थी वैसे ही मानसिक अवसाद में है. इसलिए शिक्षा विभाग से मांग है कि वो विस्तृत सिलेबस जल्द जारी करे,साथ ही सिलेबस को बिंदुवार और टॉपिक वाइज भी जारी करे. जिससे परीक्षार्थियों को समय पर तैयारी करना का मौका मिल सके.


हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से सिलेबस को लेकर जो सफाई दी गई उससे भी प्रदेश के बेरोजगार संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. शिक्षा विभाग का कहना है कि परीक्षा आयोजन के समय जिस एजेंसी ने परीक्षा आयोजित करवाई उस एजेंसी की तरफ से विस्तृत सिलेबस जारी किया जाएगा. लेकिन विस्तृत सिलेबस को लेकर पहले भी कई बार टकराव और विवाद की स्थिति देखने को मिल चुकी है. ग्राम विकास अधिकारी परीक्षा में बोर्ड ने विस्तृत सिलेबस जारी करने की गेंद पंचायती राज विभाग के पाले में डाली गई थी. जिसके चलते परीक्षार्थियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ चुका है. ऐसे में अगर आने वाले दिनों में इस प्रकार की स्थिति उत्पन्न होती है तो प्रदेश के करीब 18 लाख परीक्षार्थियों को फिर से समस्या का सामना करना पड़ सकता है.