प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी कर विवादों में फंसे पवन खेड़ा के साथ पूरी कांग्रेस पार्टी मजबूती से खड़ी नजर आ रही है. कांग्रेस के रायपुर अधिवेशन में जाते समय गिरफ्तारी की कथित कोशिशों का पूरी पार्टी ने विरोध किया. इधर कोर्ट से मिली कुछ राहत के बीच पवन खेड़ा रायपुर अधिवेशन में शामिल हुए. लेकिन वहां से वापिस दिल्ली आने की बजाय वो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जयपुर पहुंच गए है. वहां उनकी सीएम गहलोत के साथ लंबी चर्चा भी हुई है. 


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राजस्थान को बनाएंगे ठिकाना !


पवन खेड़ा पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी है. इसी बीच माना जा रहा है कि वो अपने गृह प्रदेश राजस्थान को ही ठिकाना बनाने वाले है. राजस्थान में कांग्रेस की सरकार भी है. वो मूल रूप से उदयपुर के रहने वाले है. हाल ही में गुलाबचंद कटारिया के असम का राज्यपाल बनने के बाद उदयपुर शहर विधानसभा सीट भी खाली हुई है. ऐसे में यहां अगर उपचुनाव होते है. तो पार्टी पवन खेड़ा को उम्मीदवार बना सकती है. हालांकि चुनावों में 10 महीने से भी कम का समय बचा है. ऐसे में उपचुनाव होंगे या नहीं. ये भी तय नहीं है.


उदयपुर शहर सीट पर दांव !


उदयपुर शहर सीट पर उपचुनाव नहीं होता है. तो कांग्रेस पार्टी आम चुनावों में भी उम्मीदवार बना सकती है. तब तक के लिए पवन खेड़ा राजस्थान को ही अपना ठिकाना बनाए रखेंगे ताकि गिरफ्तारी से बचा जा सके. सूत्रों के मुताबिक खेड़ा इस उम्मीद में भी है कि समय के साथ कोर्ट से उनको किसी तरह की राहत भी मिल सकती है.


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आपको बता दें कि राजस्थान में  बीजेपी के सीनियर नेता रहे और नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया को हाल ही में असम का राज्यपाल बनाया गया है. वो उदयपुर शहर विधानसभा सीट से विधायक थे. अब ये सीट खाली हो गई है. ऐसे में बीजेपी की मजबूत सीट रही उदयपुर पर कांग्रेस ने नजरें गड़ा ली है. पवन खेड़ा भी उदयपुर के ही रहने वाले है. ऐसे में कांग्रेस उनको यहां से चुनावी मैदान में उतार सकती है.


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