Rajasthan politics : राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है. गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद राजेंद्र राठौड़ ये जिम्मेदारी संभाल रहे है. चुनावी साल में वसुंधरा राजे, सतीश पूनिया और गजेंद्र सिंह शेखावत जैसे तमाम गुटों को एक साथ लेकर इस पद पर घोषणा की जानी थी लेकिन अब तक खाली क्यों है ये पद ?
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Rajasthan news : गुलाबचंद कटारिया के राज्यपाल बनने के बाद राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है. इस वक्त उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ये जिम्मेदारी संभाल रहे है. बजट सत्र चल रहा है, ऐसे में अशोक गहलोत ( Ashok Gehlot ) सरकार को घेरने के लिए फिलहाल राजेंद्र राठौड़ ( Rajendra Rathore ) से बेहतर कोई विकल्प नहीं है. लेकिन क्या पीएम मोदी और अमित शाह ने कटारिया को राज्यपाल बनाने का फैसला लेने से पहले नेता प्रतिपक्ष पर फैसला नहीं लिया था. 12 फरवरी को कटारिया के नाम की घोषणा होने के बाद 15 दिन हो गए. अब तक नए नेता प्रतिपक्ष की घोषणा क्यों नहीं हुई ?
राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष कब ?
सूत्रों के मुताबिक चुनावी साल में आलाकमान कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता. प्रदेश अध्यक्ष पद पर चले लंबे टकराव से पार्टी में बढ़ी गुटबाजी को फिर से नहीं दोहराना चाहता. लिहाजा बीजेपी नेतृत्व सही समय और सही नाम पर सहमति बनने का इंतजार कर रहा है. माना जा रहा है कि पार्टी के कई विधायकों ने लॉबिंग शुरु कर दी है. सभी नेता अपने-अपने व्यक्ति को इस पद पर बिठाना चाहते है. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया कि वसुंधरा राजे नेता प्रतिपक्ष नहीं बनना चाहती. उनकी नजर चुनाव कैंपेन कमेटी पर है. ताकि टिकट वितरण में अपनी भूमिका तय कर सके.
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आपको बता दें कि इससे पहले राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए भी करीब 80 दिन तक खींचतान चली थी. मदनलाल सैनी के निधन के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश शुरु हुई. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी नेतृत्व उस समय गजेंद्र सिंह शेखावत ( Gajendra singh shekhawat ) को प्रदेश अध्यक्ष बनाना चाहता था. लेकिन वसुंधरा राजे ( Vasundhara Raje ) गुट ने वीटो कर दिया. लंबी खींचतान के बाद भी सहमति नहीं बन पाई. आखिरकार सतीश पूनिया ( Satish poonia ) को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया.