MoU on ERCP: दिल्ली में आज पूर्वी राजस्थान कैनल प्रोजेक्ट को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई. केंद्र सरकार के साथ हुई इस बैठक में मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के बीच सकारात्मक वार्ता हुई. हालांकि राजस्थान, मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच MoU नहीं हो पाया है और कुछ बिंदुओं पर दोनों राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. इस पर जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर रवि सोलंकी ने जानकारी देते हुए बताया कि अभी दोनों राज्य अपना-अपने स्तर पर चर्चा करेंगे और जब विवाद खत्म हो जाएगा तो MoU पर साइन किया जाएगा.


53 और बांधों को जोडे जाएंगे-


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ईआरसीपी की डीपीआर में पहने 26 बांध जोड़े गए थे,लेकिन पिछली सरकार ने इसी साल बजट में दौसा,अलवर,सवाई माधोपुर,भरतपुर के 53 और बांधों को जोड़कर भरा जाएगा.लेकिन रामगढ़ बांध को भरने वाला ईसरदा बांध का निर्माण ही अब तक 65 प्रतिशत हो पाया है.करीब 18 साल से प्यास जयपुर का रामगढ़ बांध अब ईसरदा बांध से भरा जाएगा.ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध की दूरी करीब 130 किलोमीटर है.रामगढ़ बांध भरने के बाद जयपुर के आंधी, जमवारामगढ़,आमेर, गोविंदगढ़, शाहपुरा, विराटनगर कोटपूतली के साथ ही अलवर के थानागाजी,बानसूर को फायदा होगा.


ERCP से इन जिलों को मिलेगा पानी-


ईस्टन कैनाल से सवाईमाधोपुर,अजमेर,टोंक,जयपुर,दौसा, झालावाडा,बांरा,कोटा,बूंदी,करौली,अलवर,भरतपुर,धौलपुर के लिए योजना बनाई है.जिसके अंतगर्त कुन्नू बैराज,रामगढ,महलपुर,नवनेरा,मेज,राठौड बैराज के साथ बनास नदी पर सवाईमाधोपुर में डूंगरी बांध बनाए जाएंगे.


इन बांधों का निर्माण होगा-


अगले चरण में डूंगरी बांध, राठौड़ बांध का निर्माण किया जाएगा. इसके बाद टोंक सवाई माधोपुर,दौसा करौली, भरतपुर, अलवर जयपुर के बांधों को भरा जाएगा.इससे दो लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई क्षेत्र डेवलप किया जाएगा.ये तो तय है कि जनता से पहले सियासी प्यास बुझेगी,लेकिन क्या ये सियासत की प्यास जनता की प्यास बुझाने में कामयाब रहेगी,ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.


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