Jaipur: राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग (Rajasthan Electricity Regulatory Commission) डिस्कॉम्स की टैरिफ बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. 


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जयपुर (Jaipur), अजमेर (Ajmer) और जोधपुर डिस्कॉम (Jodhpur Discom) ने इस बार बिजली यूनिट की दरें बढ़ाने की वजह स्थाई शुल्क, विद्युत भार, कनेक्शन परिवर्तन सहित अन्य दरों में इजाफे की मांग की है. जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम की सुनवाई पूरी हो चुकी है. जयपुर डिस्कॉम की सुनवाई के बाद आरईआरसी कोई प्रभावी निर्णय ले सकता है.


राजस्थान में बिजली बढ़ोतरी की तलवार फिर से लटकी 


  • RERC की टैरिफ बढ़ोतरी को लेकर ऑनलाइन सुनवाई जारी 

  • अजपुर, अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम ने लगाई थी याचिका

  • जयपुर डिस्कॉम की 20 आपत्तियों पर सुनवाई हुई 

  • घाटे में कमी और सेवा में सुधार के सुझाव मिले

  • स्थायी शुल्क सहित अन्य दरों में इजाफा चाहती है बिजली कंपनियां


जयपुर डिस्कॉम की सुनवाई का नम्बर 
राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग राज्य की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से दायर टैरिफ पीटिशन पर जनसुनवाई कर रहा है, आपत्तियां अधिक होने पर जनसुनवाई की अवधि बढ़ाई है. सुनवाई ओनलाइन होने के कारण लोगों की आपत्ति-सुझाव पर चर्चा की औपचारिकता निभाई जाएगी. अजमेर और जोधपुर डिस्कॉम की सुनवाई हो चुकी है. अब जयपुर डिस्कॉम का नम्बर है. गंभीर यह है कि राज्य में बिजली व्यवस्था, विद्युत दर, फिक्स चार्ज पर चर्चा के लिए केवल 44 आपत्ति-सुझाव आए हैं जबकि, विद्युत उपभोक्ताओं की संख्या करीब 1.52 करोड़ हैं. हालांकि, इस पीटिशन में विद्युत दर बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल, संस्थानिक, औद्योगिक) पर फिक्स चार्ज को बोझ बढ़ सकता है. 


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5 प्रतिशत ही फिक्स चार्ज बढ़ाना है प्रस्तावित
डिस्कॉम्स ने इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधा के नाम पर फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित किया है. इंफ्रास्ट्रचर सुविधा के नाम पर बिजली कंपनियां फिक्स चार्ज बढ़ाने की तैयारी में है. इसमें अघरेलू उपभोक्ताओं (कॉमर्शियल, संस्थानिक, औद्योगिक) के लिए विद्युत दर कम करके फिक्स चार्ज बढ़ाने का फार्मूला सुझाया गया है. इसके तहत 5 प्रतिशत विद्युत दर कम करके 5 प्रतिशत ही फिक्स चार्ज बढ़ाना प्रस्तावित है जबकि, सालाना 12 हजार यूनिट बिजली खपत वाले घरेलू उपभोक्ताओं से यूनिट की बजाय लोड के आधार पर फिक्स चार्ज लेने का खाका बनाया गया. टैरिफ पीटिशन में इसकी अनुमति चाही है. इससे इस श्रेणी से करीब 16 लाख उपभोक्ता जुड़े हुए हैं.


कहां से कितनी आपत्ति
जोधपुर डिस्कॉम - 8
अजमेर डिस्कॉम - 8
जयपुर डिस्कॉम - 28


उपभोक्ताओं पर एक बार फिर से पड़ सकती महंगाई की मार
याचिका को लेकर बिजली कंपनियों का तर्क है कि व्यवस्था को बेहतर बनाया जा रहा है, इससे केवल कुछ ही बड़े उपभोक्ताओं पर ही वित्तीय भार आएगा. हालांकि कोरोना वायरस के चलते घरेलू, कमर्शियल और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर बढ़ी हुई बिजली दरों की मार पहले से है. ऐसे में महंगी दर पर बिजली शुल्क अदा कर रहे राजस्थान के उपभोक्ताओं पर एक बार फिर से मार पड़ सकती.