Jaipur News: देशभर में कोरोना की पूर्व तैयारियों और संभावित नई लहर को लेकर एक्सपर्ट्स के बीच चर्चा तेज हो गई है. सभी के जहन में सिर्फ एक ही सवाल है कि क्या कोरोना फिर लौटेगा और अगर लौटा तो क्या एक बार फिर भयावह हालात में देखने को मिलेंगे जैसे सेकेंड वेव में देखने को मिला था.


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राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ सुधीर भंडारी का कहना है कि दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की नई लहर शुरू हुई है. कई देशों में इसका व्यापक असर हुआ है लेकिन सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या वाले 10 देशों में फिलहाल भारत का नाम शामिल नहीं है, यह सुखद है. हमारे यहां अभी तक केसेज काफी कम हैं. इसका तात्पर्य है कि अभी तक हम प्रोटेक्टेड हैं.


इसका कारण यह है कि हमारे यहां वैक्सीनेशन काफी इफेक्टिव रहा. हालांकि अब महसूस हो रहा है कि बूस्टर डोज की संख्या बढ़ाया जाना चाहिए. हमारे यहां ओमिक्रोन का जो संक्रमण फैला उसके कारण भी लोगों में इम्युनिटी बढ़ी है. ऐसे में थोड़ी सावधानी रखकर कोरोना संक्रमण की नई लहर से बचा जा सकता है. डॉ भंडारी ने कहा कि नेजल वैक्सीन भी काफी इफेक्टिव है. इसे बूस्टर डोज के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है.


डॉ भंडारी का कहना है कि BF7 कोई घातक वेरियेंट नहीं है बल्कि ओमिक्रोन का ही वेरिएंट है, लेकिन इसका RO (संक्रमण दर ) फैक्टर ज्यादा है. एक संक्रमित व्यक्ति एक साथ 20-25 लोगों संक्रमित कर सकता है. खास बात यह है कि हमारे देश में विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलप हुआ है. राजस्थान में भी हमने तैयारी शुरू कर दी है. RUHS में करीब 1200 बैड हैं और 300 से आईसीयू बैड भी तैयार हैं और दक्ष स्टाफ है. 


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उन्होंने अपील की है कि कुछ समय तक कोविड अनुरूप व्यवहार की पालना कर इससे बचा जा सकता है. उनका कहना है कि मास्क का प्रयोग करने से कोरोना के साथ ही अन्य बीमारियों से भी बचाव संभव है.हालांकि डॉ. भंडारी ने इस बात पर चिंता जताई है कि नया वैरिएंट BF.7 कभी कभी लोगों की इम्युनिटी को एस्केप कर सकता है. लेकिन यदि ऐसा हो भी तो संक्रमित लोगों को गंभीर समस्या होने का खतरा कम है.