रिटा. IAS मंजीत सिंह और IPS के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट नहीं डालें पूर्व आईएएस- कोर्ट
मेट्रो प्रथम की एडीजे कोर्ट-6 ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व गंदी पोस्ट डालने के पांच करोड़ रुपए के मानहानि मामले में पूर्व आईएएस अजीत कुमार सिंह सहित उनके बेटों ऐश्वर्य सिंह व एकलव्य सिंह को अस्थाई निषेधाज्ञा से पाबंद किया है कि वे प्रार्थियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं डालें
जयपुर: मेट्रो प्रथम की एडीजे कोर्ट-6 ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व गंदी पोस्ट डालने के पांच करोड़ रुपए के मानहानि मामले में पूर्व आईएएस अजीत कुमार सिंह सहित उनके बेटों ऐश्वर्य सिंह व एकलव्य सिंह को अस्थाई निषेधाज्ञा से पाबंद किया है कि वे प्रार्थियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट नहीं डालें. साथ ही किसी तृतीय पक्षकार के समक्ष उनके चरित्र व आचरण के लिए भी किसी तरह की अपमाजनक बात नहीं कहेंगे. कोर्ट ने यह अंतरिम आदेश रिटा.आईएएस मंजीत सिंह व रिटा.आईपीएस एमके देवराजन सहित उनकी पत्नियों के दावे पर गुरूवार को दिया.
दावे में बताया गया कि प्रार्थी भारतीय प्रशासनिक व पुलिस सेवा के रिटायर अफसर हैं और जगतपुरा स्थित पाम कोर्ट निवासी हैं. प्रतिवादी अजीत कुमार सिंह भी रिटायर आईएएस हैं और वे भी चार साल से पाम कोर्ट में रह रहे हैं. इसी दौरान प्रतिवादी ने अक्टूबर 2021 में सरकारी जमीन पर कब्जा करने का प्रयास किया तो प्रार्थियों ने इसकी शिकायत जेडीए में की.
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इससे उनके बीच दुर्भावना बढ़ गई और अजीत कुमार सिंह व उनके बेटों ने मनमाने तरीके से सरकारी भूमि पर बेरियर लगाकर रास्ता रोक दिया. जिस पर प्रार्थी ने मालवीय नगर पुलिस थाने में उनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई. इसके चलते अजीत कुमार सिंह ने 14 मई 2022 को फेसबुक पर प्रार्थी मंजीत सिंह उनकी पत्नी डॉ. रेखा सिंह, एमके देवराजन व उनकी पत्नी बीना राजन का फोटो डालकर इस पर गैंग ऑफ 4 पाम कॉलोनी लिखा. वहीं मानसिक रोगी व अन्य आपत्तिजनक टिप्पणियां भी की.
रिटा.आईएएस मंजीत सिंह व रिटा.आईपीएस देवराजन के खिलाफ पोस्ट
ये आपत्तिजनक पोस्ट 92 लोगों को टैग की और आईएएस अफसरों के व्हाट्सअप ग्रुप पर भी भेजी. वहीं, प्रतिवादी ने खुद को भगवान और प्रार्थियों को राक्षस बताते हुए बदनामी करने वाली पोस्ट डाली. इन पोस्ट से प्रार्थियाें की पूरे समाज व प्रदेश के बाहर बदनामी हुई. इसलिए उन्हें क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपए की मानहानि दिलवाई जाए और अस्थाई निषेधाज्ञा के जरिए पाबंद किया जाए कि वे सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ कोई आपत्तिजनक टिप्पणियां नहीं करें.
Reporter- mahesh pareek