Rajasthan News: हरिद्वार में आस्था और भक्ति की बयार बह रही है. शिव की पैड़ी घाट पर नाग पंचमी के दिन पार्थिव शिवलिंग पूजा और भागवत कथा के भव्य आयोजन की शुरुआत हुई.


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मेहंदीपुर बाला जी के महंत डॉक्टर नरेश पुरी जी महाराज के सानिध्य में यह आयोजन हो रहा है. महंत नरेश पुरी जी प्रकांड पुरोहितों के साथ ये अनुष्ठान कर रहे हैं. पिछले साल भी यह आयोजन इसी स्थान पर आयोजित हुआ था. इस आयोजन में रोजाना सैकड़ों ब्राह्मण, वेद पाठियों ने मन्त्रोंचरण के साथ पार्थिव शिवलिंग की पूजा की जा रही है साथ ही इस आयोजन में एक भंड़ारे का भी आय़ोजन किया जा रहा है.


भंडारे का हुआ आयोजन
भंडारे में सैंकड़ो की संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण का रहे हैं. शिव महापुराण के मुताबिक पार्थिव शिवलिंग पूजन से धन, धान्य, आरोग्य और पुत्र प्राप्ति होती है. मानसिक और शारीरिक परेशानियों से भी मुक्ति मिलती है. पार्थिव पूजन से अकाल मृत्यु का डर खत्म हो जाता है. शिवजी की अराधना के लिए पार्थिव पूजन हर कोई कर सकता है.

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चाहे वो पुरूष हो या महिला पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधि-विधान से पूजा करने से दस हजार कल्प यानी करोड़ों साल तक स्वर्ग में रहता है. शिवपुराण में की जानकारी के मुताबिक पार्थिव पूजन सभी दुःखों को दूर करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण करता है. हर दिन पार्थिव पूजन किया जाए, तो इस लोक और परलोक में भी अखंड शिव भक्ति मिलती है.


क्या होता है पार्थिक शिवलिंग 


पार्थिव शिवलिंग एक प्रकार का शिवलिंग होता है, जिसे मिट्टी या पार्थिव पदार्थ से बनाया जाता है. यह हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है.


पार्थिव शिवलिंग का महत्व:


- भगवान शिव की पूजा में पार्थिव शिवलिंग का विशेष महत्व है.
- यह शिवलिंग मिट्टी से बनाया जाता है, जो प्राकृतिक और शुद्ध माना जाता है.
- पार्थिव शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है.
- यह शिवलिंग घर में सुख-समृद्धि और शांति लाने में मदद करता है.