सिलिकोसिस से मौत: प्रमाण पत्र नहीं होने से विभाग ने मुआवजा देने से किया इनकार
कागजी कानून कायदों के बीच मानवीय संवेदना दम तोड़ रही है, ऐसा सिलिकोसिस से मौत के मामलों में सामने आ रहा है.
Jaipur: कागजी कानून कायदों के बीच मानवीय संवेदना दम तोड़ रही है, ऐसा सिलिकोसिस से मौत के मामलों में सामने आ रहा है. दरअसल सिलिकोसिस से मौत के मामले में प्रमाण पत्र नहीं होने से विभाग ने मृतक आश्रितों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संवेदनशीलता दिखाते हुए सरकार को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने के आदेश दिए.
जोधपुर के वार्ड 11 के संतधाम रोड पर गुरों का तालाब निवासी डालाराम की वर्ष 2020 में सिलिकोसिस बीमारी से मौत हो गई. परिजनों ने सरकार की ओर से सिलिकोसिस पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे के लिए खान विभाग को गुहार लगाई. विभाग के अधिकारियों ने मौत स्थानीय न्यूमोकोन्सोसिस बोर्ड के गठन से पूर्व के होने एवं सिलिकोसिस प्रमाण पत्रों के अभाव में मुआवजा राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया. इस पर परिजनों ने मंत्री से लेकर अधिकारियों तक से मुआवजा दिलाने की गुहार लगाई लेकिन निराशा ही हाथ लगी.
विभाग ने मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया तो पीड़ित परीजनों ने 7 सितम्बर 2021 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को परिवाद दिया. आयोग ने इस मामले में जानकारी मांगी तो खान और पेट्रोलियम विभाग के साथ ही जिला कलेक्टर, जोधपुर की रिपोर्ट मिली. इसमें सिलिकोसिस के ऐसे प्रकरण जो स्थानीय न्यूमोकोन्सोसिस बोर्ड के गठन से पूर्व के होने और सिलिकोसिस प्रमाण पत्रों के अभाव में मुआवजा राशि का भुगतान किया जाना सम्भव नहीं होना बताया.
आयोग ने इस मामले में मुख्य सचिव को 28 अप्रैल 2022 को व्यक्तिश: उपस्थित होने के निर्देश दिए. इस पर सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग से आयोग को 21 अप्रैल 2022 रिपोर्ट भेजी. रिपोर्ट में बताया कि जोधपुर कलेक्टर के स्तर पर 31 मार्च 2022 को प्रकरण में निर्णय के लिए श्रम, सामाजिक न्याय और अधिकारिता, खान और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में ऐसे प्रकरणों में यदि वर्तमान में पीडित जीवित है तो उन्हें सिलिकोसिस नीति में लिया जाकर नीति के तहत सहायता प्रदान की जा रही है.
इस मामले में समान प्रकृति के अन्य प्रकरण जो कि सिलिकोसिस प्रमाण पत्र के जारी हुए बिना और सिलिकोसिस नीति से पूर्व के प्रकरण होने और पीड़ितों की मृत्यु हो जाने के कारण सिलिकोसिस नीति अनुसार भुगतान नहीं किया जा सकता है. बैठक में सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया गया है कि नीति को भूतकालीन प्रभाव से लागू नहीं किया जा सकता है. ऐसे में दावा स्वीकार्य नहीं किया जा सकता है. इसके बाद आयोग को रिपोर्ट भेजकर मुख्य सचिव 28 अप्रैल 2022 को व्यक्तिशः उपस्थिति से मुक्त रखे जाने का आग्रह किया.
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मृतक डालाराम के निकटतम परिजन को 5 लाख की आर्थिक सहायता राशि का भुगतान करने की अभिशंषा की गई. इसके बाद राज्य सरकार ने जिला कलेक्टर को मृतक डालाराम को आर्थिक सहायता का भुगतान करने के निर्देश दिए. मुआवजा राशि मृतक डालारामके निकटतम परिजन के बैंक खाते में जमा करवाई जाएगी. बैंक की जमा स्लिप इस स्वीकृति के जारी होने के 15 दिन की अवधि में सभी औपचारिकताएं पूरी कर भुगतान करवाएंगे. भुगतान मिलने की रसीद जल्द से जल्द सीधे ही आयोग को भिजवाएंगे.
Report: Vishnu Sharma
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