Sachin Pilot : राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सियासत में कांग्रेस के सियासी गलियारों से निकलकर अब ये बात संसद के गलियारों तक पहुंच गई है. लोकसभा में शीतकालीन सत्र के बीच ये मांग उठी है. उत्तर प्रदेश के बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने ये मांग की है. दरअसल संसद सत्र के बीच जातियों को एससी एसटी कैटेगरी में शामिल करने के मुद्दे पर चर्चा चल रही थी, उसी बीच बहुजन समाज पार्टी के सांसद मलूक नागर ने ये मांग उठाई.


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सांसद मलूक नागर ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अधीर रंजन चौधरी कह रहे थे कि कुर्मियों को 9वीं सूची में शामिल करो. जबकि राजस्थान में इनकी ही सरकार है. अशोक गहलोत सरकार कहती है कि हमनें केंद्र सरकार को गुर्जरों के बारे में पत्र लिखा है. लेकिन केंद्र सरकार के पास कोई पत्र नहीं आया है ऐसा. कांग्रेस झूठ बोल रही है. सांसद ने कहा कि राजस्थान में पिछड़ों का हिस्सा 56 प्रतिशत है. उसमें कुर्मी के अलावा भी कई तबके आते है. कांग्रेस को क्या सिर्फ कुर्मी ही चाहिए.


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राजेश पायलट को नहीं बनाया मंत्री


सांसद मलूक नागर ने कहा कि राजेश पायलट गुर्जरों का भगवान था. लेकिन कांग्रेस ने उसे कभी कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया. सचिन पायलट को मुख्यमंत्री नहीं बना रहे है. मैं मांग करता हूं कि राजस्थान के गुर्जरों को 9वीं अनुसूची में डाला जाए. और अशोक गहलोत को हटाकर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.


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आपको बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के समय सचिन पायलट कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष थे. चुनाव के बाद अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया. उसके बाद से ही गुर्जर समाज में नाराजगी चल रही है. खुद सचिन पायलट भी करीब 20 विधायकों के साथ 2020 में अशोक गहलोत से बगावत कर चुके है. ऐसे में बसपा सांसद ने कांग्रेस के भीतर चल रही गुजबाजी के घाव को एक बार फिर से छेड़ दिया है.