Jaipur: दो साल साल बाद गोविंद देव जी मंदिर (Govind Dev Ji Temple) प्रांगण और पुरानी बस्ती के प्राचीन गोपीनाथ मंदिर में देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) उत्साह पूर्वक मनाई जा रही है. कोरोना की वजह से लंबे समय बाद गोविंद देव जी मंदिर में उत्सव हुआ. 


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चातुर्मास के चार माह तक क्षीर सागर में शयन कर रहे भगवान विष्णु को देवउठनी एकादशी पर  शंख, घंटा-घड़ियाल और वेद मंत्रों के साथ जगाया गया. हालांकि रविवार को भी एकादशी (Ekadashi) थी, लेकिन शहर के ज्यादातर मंदिरों में सोमवार को देव उठनी एकादशी मनाई जा रही है. आराध्य देव गोविंद देवजी मंदिर में देवउठनी एकादशी महोत्सव बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. धूप झांकी के बाद सुबह 9 बजे शालिग्राम जी को चौकी पर विराजमान कर मंदिर के दक्षिण पश्चिम कोने स्थित तुलसी मंच पर लाकर विराजमान किया गया. 


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यहां मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी शालिग्रामजी का पंचामृत अभिषेक, पूजन और आरती की. तुलसी और शालिग्राम की चार परिक्रमा के बाद शालिग्राम को चांदी के रथ पर विराजमान कर मंदिर की एक परिक्रमा कराकर वापस गर्भ गृह में विराजमान किया. उसके बाद शृंगार आरती के दर्शन हुए. ठाकुर जी को लाल जामा पोशाक धारण कराई गई और विशेष श्रृंगार किया गया. इसी तरह पुरानी बस्ती के गोपीनाथ जी मंदिर (Gopinathji Temple) में देवउठनी एकादशी उत्सव पूर्वक मनाई जा रही है.