Jaipur: ज्योतिष के अनुसार शनि देव को क्रूर माना जाता हैं. इसीलिये सभी शनि देव का कोपभाजन होने से बचते हैं. शनिदेव सिर्फ बुरे कर्म पर ही दंड देते हैं और अगर शनिदेव किसी जातक पर खुश हो जाएं तो जातक को उन ऊंचाइंयों पर ले जाते हैं जहां तक जाने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता है. दरअसल आपके ही किए बुरे कर्म के चलते आप राजा से रंक हो सकते हैं और अच्छे कर्मों के चलते रंक से राजा भी हो सकते हैं.


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शनि देव को वृद्धावस्था का स्वामी कहा गया है. जिस घर में माता पिता और वृद्ध जनों का सम्मान होता है उस घर से शनि देव बहुतप्रसन्न होते है और जिस घर में वृद्ध का अपमान होता है उस घर से खुशहाली दूर भागती है. जैसे-जैसे व्यक्ति वृद्ध होता है उसे भूख कम लगने लगती है. नींद कम आती है वो काम वासना से विमुख हो जाता है. उसमें लोक कल्याण की भावना जागृत हो जाती है. ये सभी गुण देवताओं के हैं. कहने का तात्पर्य है की वृद्ध अवस्था में व्यक्ति देवत्व प्राप्त करता है. इसलिए शनि कृपा प्राप्त करने के लिए वृद्ध जनों की सेवा सर्वोपरि है.


शनिदेव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय


  • शनि मंदिर से शनि रक्षा कवच या काला धागा हाथ में बांधने के लिए अवश्य लें.

  • शनि की शुभ फल प्राप्ति के लिए दक्षिण दिशा में सिराहना कर सोयें और पश्चिम दिशा में मुख कर सारे कार्य करें और अपने देवालय में शनि का आसन अवश्य बनायें.

  • प्रत्येक शुभ काम से पहले पूर्व कार्य बाधा निवारण के लिए प्रार्थना करके हनुमान और शनि देव के नाम का नारियल फोड़े.

  • प्रत्येक शनिवार को रात में सोते समय आंखों में काजल या सुरमा लगायें और शनिवार का काला कपड़ा जरूर पहनें.

  • महिलाओं से अपने भाग्य उदय के लिए सहयोग, समर्थन और मार्गदर्शन प्राप्त करें तो प्रगति होगी.

  • अपनों से बड़ी उम्र वालें व्यक्ति का सहयोग प्राप्त करें और अपनी से छोटी जाती और निर्बल व्यक्ति की मदद करें.

  • प्रति महीने की अमावस्या आने से पहले अपने घर और व्यापार की सफाई और धुलाई अवश्य करें और तेल का दीपक जलाएं.

  • शनि अमावस्या, शनि जयंती या शनिवार को बन पड़े तो शनि मंदिर में नंगे पैर जाएं.

  • घर बनाते समय काली टायल, काला मार्बल या काले रंग की कुछ वस्तु प्रयोग में लाए.

  • खाली पेट नाश्ते से पूर्व काली मिर्च चबाकर गुड़ या बताशे से खाएं.

  • भोजन करते समय नमक कम होने पर काला नमक और मिर्च कम होने पर काली मिर्च का प्रयोग करें.

  • शनिवार और मंगलवार को क्रोध ना करें.

  • भोजन करते समय मौन रहें.

  • प्रत्येक शनिवार को सोते समय शरीर और नाखूनों पर तेल मसलें.

  • मांस, मछली, मद्य और नशीली चीजों का सेवन बिल्कुल ना करें.

  • घर की महिला जातक के साथ सहानुभूति और स्नहे बरते. क्योंकि जिस घर में गृहलक्ष्मी रोती है उस घर से शनि की सुख-शांति और समृद्धि रूठ जाती है. 

  • महिला जातक के माध्यम से शनि प्रधान व्यक्ति का भाग्य उदय होता है.

  • गुड़ और चने से बनी वस्तु भोग लगाकर अधिक से अधिक लोगों को बांटना चाहिए

  • उड़द की दाल के बड़े या उड़द की दाल, चावल की खिचड़ी बांटनी चाहिए. 

  • प्रत्येक शनिवार को लोहे की कटोरी में तेल भरकर अपना चेहरा देखकर दान करना चाहिए.

  • या फिर इस तेल का दीपक जलाकर उसे शनि मंदिर में जला देना चाहिए.

  • प्रत्येक शनि अमावस्या को अपने वजन का दशांश सरसों के तेल का अभिषेक करना चाहिए.

  • शनि मृत्युंजय स्त्रोत दशरथ कृत शनि स्त्रोत का 40 दिन तक नियमित पाठ करें.

  • काले घोड़े की नाल अथवा नाव की कील से बना छल्ला अभिमंत्रित करके धारण करना शनि के कुप्रभाव को हटाता है.

  • जिस जातक के परिवार, घर में रिश्तेदारी, पड़ोस में कन्या भ्रूण हत्या होती है. जातक प्रयास कर इसे रोकेगा तो शनि महाराज उससे अत्यंत प्रसन्न होते है.


ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़
अध्यक्ष, ज्योतिष परिषद एवं शोध संस्थान जयपुर