Jaipur: पृथ्वीराज नगर और इसके आस-पास के क्षेत्र को बीसलपुर बांध आधारित पेयजल परियोजना से जोड़ा जा रहा है.  इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फेज - प्रथम (स्टेज द्वितीय) एवं फेज - द्वितीय के कार्यों के लिए 747.08 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है. मुख्यमंत्री के इस निर्णय से 145 वर्ग कि.मी. क्षेत्रफल में वितरण तंत्र स्थापित किया जाएगा. इसके तहत विधानसभा क्षेत्र सांगानेर विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा और विधानसभा क्षेत्र विद्याधर नगर का आंशिक क्षेत्र सम्मिलत होंगे.


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इनमें जयपुर नगर निगम ग्रेटर के वार्ड संख्या 3, 6, 9, 12, 13, 43, 44, 88, 91, 96 (पूर्ण) तथा 1, 2, 45, 49, 50, 65, 67, 83 (आंशिक) कुल 18 वार्ड है. साथ ही, विधानसभा क्षेत्र बगरू और विधानसभा क्षेत्र झोटवाड़ा के कुल 15 ग्राम भी इस परियोजना में 2500 किलोमीटर एचडीपीई पाइप लाइन, 210 कि.मी. डीआई पाइप लाइन बिछाने के कार्य, 46 उच्च जलाशयों का निर्माण कार्य और पम्पिंग मशीनरी एवं इन्टूमेन्टेशन का कार्य होगा.


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गौरतलब है कि पहले चरण (फेज - प्रथम, स्टेज - प्रथम ) में 563.93 करोड़ रूपये की लागत के कार्य शुरू हैं, जिनमें से लगभग 70 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुके हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पृथ्वीराज नगर क्षेत्र और आसपास आबादी क्षेत्र के विस्तार के तहत और आने वाले समय में जनता की दूरगामी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए बीसलपुर जयपुर पेयजल परियोजना शुरू की गई है.


पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर मॉडल उप पंजीयक कार्यालय
राजस्थान में पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर मॉडल उप पंजीयक कार्यालय जल्द शुरू होंगे. इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुल 10 कार्यालय खोलने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है. इनमें जयपुर, जोधपुर, भिवाड़ी, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर, कोटा, सीकर, भरतपुर एवं बाड़मेर में मॉडल उप पंजीयक कार्यालय स्थापित करने तथा कार्यालयों के लिए भवन उपलब्ध कराने संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है.


उल्लेखनीय है कि गहलोत ने बजट वर्ष 2022-23 में दस्तावेजों के पंजीयन की व्यवस्था को विकेन्द्रीकृत करते हुए पासपोर्ट कार्यालयों की तर्ज पर जयपुर, जोधपुर और भिवाड़ी में मॉडल उप पंजीयक कार्यालय खोलने की घोषणा की थी.


अब गहलोत ने इन 3 कार्यालयों के साथ ही नियमों में शिथिलता प्रदान करते
हुए 7 अतिरिक्त उप पंजीयक कार्यालय खोलने की और सभी 10 कार्यालयों हेतु किराए के भवन लेने की सैद्धांतिक स्वीकृति दी है.  मुख्यमंत्री के इस निर्णय से राजस्व अर्जन करने वाले विभिन्न विभागों के सुदृढ़ीकरण के लिए आधारभूत संरचनाओं और मानव संसाधनों का विकास होगा.