Rajasthan Assembly Election: इस बार विधानसभा चुनाव भी हाईटेक तरीके से कराए जाएंगे.चुनाव आयोग के अलग-अलग सात मोबाइल एप मतदाताओं से लेकर प्रत्याशियों तक की मदद करेंगे.


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विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के साथ निष्पक्ष चुनाव की तैयारियों पर काम शुरू हो गया है.प्रशासन ने अलग-अलग मोर्चों पर अफसरों को तैनात कर दिया है.व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी है.चुनावी मौसम में मतदाता से लेकर राजनीतिक पार्टियों और निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों और कार्मिकों के लिए निर्वाचन आयोग के सात मोबाइल एप मददगार बनेंगे.


ये विधानसभा चुनाव-2023 आगामी सालों में डिजिटल क्रांति के लिए भी याद किए जाएंगे.निर्वाचन आयोग ने विस चुनाव से जुड़े मतदाताओं,प्रत्याशियों,राजनीतिक दलों,निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों को अलग-अलग प्रकार के मोबाइल एप्लीकेशन एप बनाए हैं.जो प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के साथ ही त्वरित कार्रवाई की सुविधा भी उपलब्ध देंगे.सभी प्रकार की जानकारी आयोग के पास तत्काल पहुंचेगी और अव्यवस्था-गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म होगी.


वोटर हेल्पलाइन ऐप


इस ऐप में मतदाता सूची में नाम जोड़ने, नाम, पता संशोधन करने,नाम हटाने, वोटर आईडी को आधार से लिंक करने,मतदाता सूची में नाम खोजने,मतदान केन्द्र विवरण,ई-एपिक डाउनलोड करने की सुविधा हैं.इससे व्यक्ति अपनी वोटर आईडी घर बैठे प्राप्त कर सकता है.वोटर आईडी में संशोधन कर सकता है.इसमें दिए गए विकल्प के अनुसार आवेदन करना होगा.


सक्षम ऐप


विशेष योग्यजन नागरिकों की सुविधा के लिए है,इसके माध्यम से दिव्यांग पंजीकरण और संशोधन करा सकते हैं. व्हील चेयर के लिए आवेदन,मतदाता सूची में नाम खोजने,बूथ की जानकारी कर सकते हैं.इसके साथ ही दिव्यांग को घर बैठे वोट देने की सुविधा मिलेगी.


वोटर टर्नआउट


वोटर टर्नआउट ऐप की मदद से मतदान के दौरान रियल टाइम में यह जाना जा सकता है कि वोटरों की संख्या कितनी है और कहां-कितने प्रतिशत मतदान हुआ.इस ऐप के माध्यम से आमजन मतदान दिवस के दिन मतदाता प्रतिशत देख सकते हैं.जनता में मतदाता की उपस्थिति को लेकर पारदर्शिता बढ़ाएगा.


सी विजिल


इस ऐप को लाने का मकसद चुनावों में होने वाली गड़बड़ियों को रोकना है.इस ऐप की मदद से वोटर चुनावी आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी दे सकते हैं.इस एप की मदद से मतदान केन्द्र पर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति और गड़बड़ी की सूचना दी जा सकती है.उम्मीदवार अगर किसी को प्रलोभन दे रहा है, तो सूचना दी जा सकती है. इसमें वीडियो और ऑडियो की सुविधा भी है.इसमें शिकायत के बाद 100 मिनट के अंदर निवारण होगा.


केवाईसी


इस ऐप का मतलब है नो योर कंडिडेट. इसमें मतदाता अपने उम्मीदवार की सारी जानकारी प्राप्त कर सकता है, उम्मीदवार कितना पढ़ा हुआ है या फिर उसके पास प्रॉपर्टी कितनी और उसकी आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी हासिल की जा सकती है.


सुविधा कैंडिडेट


यह ऐप उम्मीदवारों को उनके नामांकन और चुनाव प्रचार आदि से संबंधित चाही गई अनुमति की स्थिति की जांच करने की सुविधा देता है.


ESMS ऐप


इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम चुनाव के दौरान कैश,शराब और ड्रग्स की सप्लाई रोकने के लिए आयोग ने नया सिस्टम बनाया है.इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम ऐप पर कैश,शराब और अन्य ड्रग्स की एंट्री करना होगी.सभी कार्रवाई करने वाली एजेंसियां,इनकम टैक्स,नारकोटिक्स,पुलिस के अलावा सरकारी एजेंसियों को इसका लॉगिन पासवर्ड दिया जाएगा.


इस ऐप में कैश,शराब,हथियार,ड्रग्स आदि यदि आदर्श आचरण संहिता के दौरान एफएसटी,एसएसटी टीम द्वारा जब्त किए जाते है.तो उनका रिकॉर्ड भी ऑनलाइन रखा जाएगा.


बहरहाल,डिजिटल होते भारत में अब चुनाव आयोग भी डिजिटल की ओर कदम बढा रहा हैं.तकनीक या टेक्नोलॉजी ने किस तरह से हमारी ज़िंदगी में बदलाव लाया है.इसका सबसे बेहतरीन उदाहरण चुनाव हैं.


चुनाव आयोग की सूचनाएं उपलब्ध होंगी


चुनावी प्रक्रिया में तकनीकी की भागीदारी ने आम वोटरों के लिए स्थिति सुगम कर दी है.ईवीएम से वोटिंग और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की वेबसाइट के बाद अलग-अलग सात मोबाइल एप्लीकेशन की अहमियत और बढ़ जाती है.इसमें मतदाता,प्रत्याशी,चुनाव आयोग,चुनाव अधिकारी, राजनीतिक पार्टी और साथ ही समय-समय पर चुनाव आयोग की सूचनाएं उपलब्ध होंगी.


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