Jaipur News : बॉण्ड नीति के विरोध में उतरे प्रदेश भर के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने जयपुर से हड़ताल शुरू करने के बाद अब इमरजेंसी सेवाओं का काम भी बंद कर दिया है. गुरुवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट्स ने पूरी तरह से काम छोड़ते हुए तल्ख रुख अपनाते हुए आरपार की लड़ाई का एलान कर चुके हैं.


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जवाब में सरकार ने रेजिडेंट डॉक्टर्स पर 13 अक्टूबर से काम पर नहीं लौटने पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त डॉ घनश्याम ने रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ बुधवार को हुई मांगों पर सहमति के अनुसार काम और लौटने के निर्देश देते हुए 12 अक्टूबर तक के कार्यबहिष्कार के दिन डे ऑफ या राजकीय अवकाश में शामिल करने का आदेश दिया था.


 इसके बाद अब शुक्रवार से कार्य बहिष्कार करने पर मेडिकल कॉलेज प्राचार्य एवं नियंत्रक को कार्रवाई करने के निर्देश दिए गये हैं. गुरुवार को सरकार के साथ कोई वार्ता नहीं होने के बाद देर शाम रेजिडेंट डॉक्टरों ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज से त्रिमूर्ति सर्किल तक कैंडल मार्च निकाला. जिसके बाद डॉक्टर्स ने करीब 1 घण्टे तक त्रिमूर्ति सर्कल पर धरना दिया.


कैंडल मार्च के चलते आम राहगीरों को काफी समस्या का सामना करना पड़ा. रेजिडेंट डॉक्टर्स की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर एसएमएस अस्पताल में देखने को मिला. रेजिडेंट के इस कदम के बाद एसएमएस अस्पताल प्रशासन को गंभीर मरीजों के लिए डॉक्टर्स की वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी .


एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा ने बताया कि हॉस्पिटल में 11 अक्टूबर से अब तक 77 डॉक्टर ने ज्वाइन कर लिया है. इमरजेंसी और उनकी योग्यता के अनुसार अलग-अलग जगह सर्विस के लिए लगाया गया है. इमरजेंसी से रेजिडेंट जाने के कारण स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई है, लेकिन इन्हें पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है.


 उन्होंने बताया कि हमने प्रशासन से कुछ और डॉक्टर लगाने की मांग की है. रेजिडेंट कि संपूर्ण कार्य बहिष्कार के बाद अधीक्षक डॉक्टर अचल शर्मा ने पूरे अस्पताल में राउंड लेकर मरीजों को चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की कोशिश की.