Fake payment of in PHED, Jaipur News : जलदाय विभाग के बहरोड़ डिवीजन में 14 करोड़ से ज्यादा के फर्जी भुगतान का मामला सामने आया है. हैरान करने वाली बात यह है जलदाय विभाग के फेक्चुअल रिपोर्ट के बाद भी अब तक दोषी इंजीनियर पर गाज नहीं गिरी.आखिरकार बहरोड डिविजन का क्या है यह पूरा मामला. पढ़ें पूरी खबर.


डीन कंस्ट्रक्शन फर्म को 14 करोड़ का फर्जी भुगतान


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PHED के बहरोड़ में महा फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया. डीन कंस्ट्रक्शन फर्म को 14 करोड़ का फर्जी भुगतान किया गया. जलदाय विभाग की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है.

जलदाय विभाग के बहरोड़ डिवीजन में NCRPB वित्त योजना में मैसर्स डीन कंस्ट्रक्शन फर्म को टेंडर मिला. जिसमें जमकर फर्जीवाड़ा हुआ. इंजीनियर्स ने मैसर्स डीन कंस्ट्रक्शन फर्म को 14.25 लाख का फर्जी भुगतान कर दिया.फर्म को 6-7 करोड़ के पाइप का अग्रिम भुगतान किया,जबकि धरातल पर कोई पाइप थे ही नहीं. 



ये है पूरा मामला



जलदाय विभाग ने 2016 को मैसर्स डीम कन्सट्रक्शन कम्पनी को 24.04 करोड़ का टेंडर दिया था.जिसका काम  18 महीने में यानि अक्टूबर 2017 तक पूरा होना था. लेकिन काम आज तक अधुरा है. फर्म के कार्य के बदले तत्कालीन अधिशाषी अभियन्ता अशोक कुमार ने 14.25 करोड का  फर्जी भुगतान कर दिया. जिसमें सीधे सीधे 5.14 करोड़ का बिना काम के भुगतान किया. यानि साइट पर ना पाइप लगे ना टंकी चालू हुई और ठेकेदार को 5.14 करोड के बिना कार्य के भुगतान कर दिया.



बैंक गारंटी के नाम पर फर्जी भुगतान


गड़बड़ी यही नहीं रुकी बल्कि आगे भी इसी तरह के फर्जीवाड़े होते गए.तत्कालीन अधिशाषी अभियन्ता धर्मेन्द्र सोनी ने कम्पनी की 2.26 करोड की फर्जी बैंक गारंटी पर सुरक्षा राशि का भुगतान किया. जिसके 4 साल  बाद विभाग को फर्जी बैंक गारंटी के भुगतान की याद आई और  धर्मेन्द्र सोनी को निलंबित किया. लेकिन आज तक चार्जशीट नहीं मिली. इस प्रकरण में ACB और मुख्य सचिव को भी शिकायत की गई थी. हाल ही में बहरोड़ डिवीजन में JJM के कार्यों में घोटालो को लेकर पदमचंद ED और ACB की रेड पड़ी थी. 
 


 कब गिरेजी गाज



 अब तक बिना कार्य के 5.14 करोड के भुगतान के बावजूद  तत्कालीन  अधिशाषी अभियन्ता अशोक कुमार और सहायक अभियंता रामकिशोर यादव पर कार्रवाई नहीं हुई. रामकिशोर यादव कितने बड़े फर्जी वाले के बावजूद भी अभी भी बहरोड डिवीजन में ही कार्य कर रहे हैं फर्म के विरूद्ध निविदा की शर्तों के तहत  कुल वसूली 11.97 करोड की होनी थी, लेकिन आज तक कोई वसूली नही हुई.