दिवाली में आतिशबाजी से नहीं घुटेगा जयपुर का दम, ग्रीन पटाखों की हो रही बिक्री
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि इस बार भी कॉनफैड ने मेला लगाकर सस्ते पटाखे की ब्रिकी की है, इसके साथ साथ ग्रीन पटाखे का भी ध्यान रखा गया है. शिवाकाशी के पटाखे की ब्रिकी की जा रही है. जिनकी क्वालिटी दूसरे पटाखों के मुकाबले ज्यादा अच्छी है. जयपुर में भवानी सिंह रोड पर सहकार मेला लग रहा है.
Jaipur: जयपुर में दीपावली की जगमग रोशनी के बीच आतिशबाजी का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलेगा लेकिन दिवाली के इन पटाखों से जयपुर का दम ना घुटे, इसके लिए सहकारिता विभाग का उपक्रम कॉनफैड ग्रीन पटाखे बेच रहा है. खास बात ये है कि बाजार से सस्ती रेट पर पटाखे मिल रहे हैं.
हर साल की तरह इस साल भी कॉनफैड बाजार से सस्ती रेट्स पर पटाखों की बिक्री कर रहा है. सबसे खास बात ये है कि कॉनफैड स्टोर पर 60 फीसदी तक भारी छूट दी जा रही है.
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सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि इस बार भी कॉनफैड ने मेला लगाकर सस्ते पटाखे की ब्रिकी की है, इसके साथ साथ ग्रीन पटाखे का भी ध्यान रखा गया है. शिवाकाशी के पटाखे की ब्रिकी की जा रही है. जिनकी क्वालिटी दूसरे पटाखों के मुकाबले ज्यादा अच्छी है. जयपुर में भवानी सिंह रोड पर सहकार मेला लग रहा है.
क्यों खरीदे ग्रीन पटाखे
ग्रीन पटाखे जलाने और आवाज़ में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है. सामान्य पटाखों की तुलना में इन्हें जलाने पर 40 से 50 फ़ीसदी तक कम हानिकारण गैस पैदा होते हैं. इन पटाखों से जो हानिकारक गैसें निकलेंगी, वो कम निकलेंगी. जबकि सामान्य पटाखों के जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन और सल्फ़र गैस निकलती है, लेकिन उनके शोध का लक्ष्य इनकी मात्रा को कम करना था. ग्रीन पटाखों में इस्तेमाल होने वाले मसाले बहुत हद तक सामान्य पटाखों से अलग होते हैं. ऐसे में इस दीवाली आतिशबाजी भी होगी और पर्यावरण दूषित भी नहीं होगा.
ऐसे में आप लोगों को भी पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए ग्रीन आतिशबाजी ही करनी चाहिए ताकि प्रदूषण कम हो.
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