Jaipur: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनहित में प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को निशुल्क वैक्सीन लगाए जाने की घोषणा की है. इसका खर्च राज्य सरकार वहन करेगी. वैक्सीन निर्माता कंपनियों को राज्य सरकार ने वैक्सीन के लिए ऑर्डर देना शुरू कर दिया है. 


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Ashok Gehlot ने कहा है कि प्रदेश में 18 से 45 वर्ष की आयु वर्ग के करीब 3 करोड़ 75 लाख व्यक्ति हैं. इन सभी व्यक्तियों को वैक्सीन की दो डोज लगाने के लिए राज्य सरकार करीब 3 हजार करोड़ रुपए व्यय करेगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कि बेहतर होता राज्य सरकारों की मांग के अनुसार भारत सरकार 60 वर्ष और 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की तरह 18 वर्ष से 45 वर्ष तक की आयु के युवाओं का खर्च उठाती तो राज्य डिस्टर्ब नहीं होते.


दरअसल, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रदेश के युवाओं के निशुल्क वैक्सीन लगाने की अपील की थी. डोटासरा ने कहा था कि प्रदेश के युवाओं का कोरोना रोधी टीकाकरण मुफ्त होना चाहिए चाहे सरकार अन्य बजट में कटौती कर दें, हम बीजेपी की मोदी सरकार की तरह युवाओं को उनके हाल पर नहीं छोड़ सकते.


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डोटासरा ने कहा है कि प्रदेश कांग्रेस के कोविड कंट्रोल रूम से कोरोना पीड़ितों की मदद सुनिश्चित की जा रही है, किसी भी व्यक्ति की जान नहीं जानी चाहिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह निर्णय बताता है कि राजस्थान सरकार अपनी पूरी ताकत पूरी क्षमता के साथ नागरिकों के जीवन को बचाने में लगी हुई है.


इस निर्णय के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने वैक्सीनेशन के काम को बखूबी किया है. यही वजह है कि देश के बड़े राज्यों में राजस्थान वैक्सीनेशन में प्रथम स्थान एवं संपूर्ण देश में दूसरे स्थान पर है.


गहलोत ने कहा कि राजस्थान में निशुल्क दवा एवं जांच योजना के साथ तथा 'चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा जैसी' निशुल्क इलाज की योजनाएं चलाई जा रही है. राज्य सरकार निरोगी राजस्थान के संकल्प के साथ राज्य को जीरो कॉस्ट हेल्थ सिस्टम वाले प्रदेश के रूप में विकसित कर रही है.


मुख्यमंत्री ने बताया कि 22 अप्रैल को उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि 60 वर्ष एवं 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की तरह ही 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के युवाओं को भी निशुल्क कोविड वैक्सीन लगाई जाए. इसके लिए केन्द्र सरकार वैक्सीन कंपनियों से वैक्सीन खरीद कर राज्यों को वितरित करे, जिससे राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार ना पड़े, लेकिन केन्द्र सरकार ने अभी तक इस मांग को स्वीकृति नहीं दी है.


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गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने अपने बजट में वैक्सीनेशन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया था. इससे राज्यों में स्पष्ट संदेश गया कि वैक्सीनेशन का पूरा खर्च केन्द्र सरकार उठाएगी. इसके कारण राज्यों ने अपने बजट में वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त प्रावधान नहीं किए. लेकिन अब केन्द्र सरकार ने राज्यों के ऊपर वैक्सीनेशन का जिम्मा छोड़ दिया है. इससे राज्यों को अपने विकास कार्यों और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में कटौती कर वैक्सीनेशन के लिए फंड आवंटित करना पड़ेगा.


मुख्यमंत्री ने अपने पत्र के माध्यम से वैक्सीन कंपनियों द्वारा राज्य और केन्द्र सरकार को एक ही दर 150 रुपए प्रति डोज पर वैक्सीन उपलब्ध करवाने की मांग की है. गहलोत ने लिखा कि वैक्सीन कंपनियों द्वारा केन्द्र सरकार, राज्य सरकार एवं निजी अस्पतालों को अलग-अलग दर पर वैक्सीन उपलब्ध करवाई जा रही है. एक ही वैक्सीन की राज्य और केन्द्र से भिन्न-भिन्न कीमत लिया जाना न्यायोचित नहीं है. इसके लिए केन्द्र सरकार को निजी वैक्सीन कंपनियों से बात कर वैक्सीन की कीमत कम करवानी चाहिए.


Gehlot ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है कि वैक्सीन निर्माता कंपनियों द्वारा यूरोपीय संघ के देशों के साथ-साथ ब्रिटेन ब्राजील, बांग्लादेश, अमेरिका, दक्षिणी अफ्रीका एवं सऊदी अरब आदि को वैक्सीन भारत से कम कीमत पर उपलब्ध करवाई जा रही है.