Ashok Gehlot: सीएम अशोक गहलोत का RTH को लेकर एक्शन चर्चा में है. टार्गेट पर फोकस बनाम बेफिक्री की चर्चा हो रही है. सीएम अशोक गहलोत का मिशन 156 के लिए वार फ्रंट पर काम हो रहा है. सचिन पायलट के बयान पर सीएम अशोक गहलोत की बेफिक्री दिखी. राजस्थान में राइट टू हेल्थ को लेकर अशोक गहलोत ने ट्वीट किया है. इस दौरान राइट टू हेल्थ की खूबियां बताते हुए वीडियो ट्वीट किया है. अशोक गहलोत ने लिखा- देश में प्रत्येक मिनट में सात लोगों की मौत हो रही है. इलाज नहीं मिलने से मौत हो रही ? इस दौरान अशोक गहलोत ने गंभीर सवाल भी खड़ा किया. बेफिक्री के अंदाज, मिशन पर फोकस की चर्चा की. गहलोत ने कहा कि गंभीरता से सोचे कि भारत में RTH की कितनी जरूरत हैं.



राइट टू हेल्थ की खूबियां बताते हुए वीडियो ट्वीट किया


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि आज  राइट टू हेल्थ (RightTo Health) की चर्चा पूरे देश में हो रही है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अब इसे पूरे देश को अपनाना चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीटर पर वीडियो शेयर कर  RTH की खूबियां बताई. उनका कहना है अन्य राज्यों को राजनीतिक विरोध से परे हर जिंदगी को बचाने के लिए इसे लागू करने पर गंभीरता से विचार करना होगा. उन्होंने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, राजस्थान बना देश का पहला #RightToHealth वाला प्रदेश...देखिये क्यों अपनाए इसे पूरा देश. आप भी अपने प्रदेश में लाएं राइट टू हैल्थ प्रावधान. साथ ही कहा कि इस जनसेवा मुहिम में डॉक्टरों का समर्थन भी देश के लिए नज़ीर बना.


ये भी पढ़ें- अशोक गहलोत कुर्सी बचाते है, अबला की अस्मत नहीं, बाड़मेर में सतीश पूनिया का सरकार पर निशाना


सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम का हवाला देत हुए कहा कि केन्द्रीय गृह मन्त्रालय की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 2020 में देश में 81.11 लाख लोगों की मौत हुई थी. इनमें से 45 फीसदी यानी 36.52 लाख लोग ऐसे थी जिनकी मौत समय पर मेडिकल सुविधा मिलने की वजह से नहीं हुई. अगर हर दिन का आंकड़ा निकालें तो ये संख्या 10 हजार के ऊपर बैठती है. यानी हर घंटे 416 और हर मिनट 7 लोगों की मौत समय पर मेडिकल सुविधा नहीं मिलने से हो गई. 


सीआरएस की रिपोर्ट बताती है कि 2020 में  में 36 लाख से ज्यादा मौत समय पर इलाज के अभाव में हुई. ये आंकड़े खून से रंगे हैं. जिनमें मौत के समय मेडिकल सुविधाएं मिलने की पुष्टि नहीं हुई है.