राजस्थान की सियासत में इन दोनों पर्ची का जमकर जिक्र हो रहा है. कांग्रेस भजनलाल सरकार को 'पर्ची सरकार' करार दे रही है, तो वहीं अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ने पर्ची का जिक्र कर दिया है, इसके बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसका वसुंधरा राजे कनेक्शन निकाल दिया.


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16 जनवरी को राजस्थान विधानसभा में विधायकों के लिए एक दिन का ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किया गया. इस दौरान राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवारी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और उन्होंने पर्ची का जिक्र छेड़ दिया. घनश्याम तिवारी ने कहा कि यह पर्ची बड़ी खतरनाक है, जब निकलती है तो लोगों के होश उड़ जाते हैं. इसके बाद सदन में ठहाके लगने लग गए. दरअसल घनश्याम तिवारी को एक पर्ची दी गई, जिसमें लिखा था समय कम है, संबोधन को समाप्त करें. लेकिन सोशल मीडिया यूज़र ने इसका अलग ही कनेक्शन निकाल दिया. 


दरअसल बात तब की है, जब 13 जनवरी को जयपुर में मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए विधायक दल की बैठक बुलाई गई. इस बैठक में राजनाथ सिंह ने वसुंधरा राजे को एक पर्ची दी और जब वसुंधरा राजे ने पर्ची को पढ़ा तो उनके होश सकता हो गए. इसके बाद जब मंच से पर्ची पढ़कर वसुंधरा राजे ने भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान किया, तो बैठक में सन्नाटा पसर गया. हालांकि राजनाथ सिंह ने इस दौरान विधायकों से पूछा कि अगर कोई और नाम भी है, तो वह भी सुझाए. लेकिन कोई दूसरा नाम सामने नहीं आया और सर्व समिति से भजनलाल शर्मा के नाम पर मुहर लग गई. 


गौरतलब है कि विधानसभा सत्र की कार्रवाई के दौरान भी एक पर्ची सिस्टम होता है. इस दौरान जब भी किसी विधायक को कार्रवाई में हिस्सा लेना होता है, तो उस सदस्य को एक पर्ची में अपना नाम भाग संख्या और विषय लिखकर देना होता है और ठीक 10:00 बजे उन सभी सदस्यों के मौजूदगी में एक लॉटरी केसरिया कर पर्ची निकल जाती है, जिन चार विधायकों की पर्ची निकलती है उन्हें कार्रवाई के दौरान दिए गए विषय पर 2 मिनट बोलने की अनुमति दी जाती है.


वहीं सरकारी कामकाज में भी पर्ची का बहुत चलन है, विभागों में कार्य के लिए जब सरकारी आदेश नहीं देने होते हैं, तब भी पर्ची सिस्टम चलता है. इसके तहत मुख्यमंत्री या किसी मंत्री द्वारा कोई अनौपचारिक आदेश अफसर तक पहुंचाना होता है तो उसे पर्ची के जरिए भेजा जाता है. जिसे सरकारी अफसर भी अमल करते हैं. हालांकि जब घनश्याम तिवारी ने पर्ची का जिक्र छेड़ा तो उन्होंने जनता ने सोशल मीडिया पर वसुंधरा राजे और तिवारी के बीच दशकों से चली आ रही अदावत को हवा दे दी.


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