Jaipur: राजस्थान में फर्जीवाडा करने वाली क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटीज पर इस्तगासे दायर करना शुरू कर दिए हैं. निवेशकों का पैसा लूटने वाली सोसायटीज पर सरकार लगातार शिकंजा कस रही है. सहकारिता विभाग ने इन सोसायटीज पर कार्रवाई तो शुरू कर दी है लेकिन अभी मंजिल बहुत दूर है.


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मल्टीस्टेट पर कार्रवाई का अधिकारी केंद्र को
राजस्थान में 2 लाख से ज्यादा निवेशकों से 16 हजार करोड़ लूटने वाली सोसायटीज पर सरकार इस्तगासे दायर कर रही है. सहकारिता विभाग ने 650 इस्तगासे दायर करवाए हैं, जिसमें से 150 मल्टीस्टेट और 500 स्टेट सोसायटीज के खिलाफ इस्तगासे दर्ज करवाए गए. राज्य सरकार स्टेट सोसायटीज पर तो लगातार शिकंजा कस रही है लेकिन मल्टीस्टेट सोसायटीज पर कार्रवाई करने में देरी हो रही है. मल्टी सोसायटीज केंद्रीय रजिस्ट्रार के अधीन है इसलिए उन पर कार्रवाई का पूरा अधिकार केंद्रीय रजिस्ट्रार को ही होगा. 


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हालांकि राजस्थान देश में पहला ऐसा राज्य है, जिसमें बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड स्कीम एक्ट को लागू किया और इस्तगासे दायर किए. सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना का कहना है कि सरकार की कोशिश है कि कानूनी रूप से इन सोसायटीज के खिलाफ शिकंजा कसा जाए ताकि निवेशकों को कुछ राहत मिल सके.


सहकारिता विभाग के हाथ अभी भी बंधे हुए
राज्य सरकार बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड स्कीम एक्ट के तहत ही मल्टीस्टेट सोसायटीज पर इस्तगासे दायर करवा रही है. नहीं तो पहले ये अधिकार भी केंद्रीय रजिस्ट्रार के पास ही था क्योकि मल्टीस्टेट सोसायटी केंद्र सरकार में रजिस्टर्ड होती है. उनका पूरा लेखा-जोखा केंद्र के अधीन ही होता है लेकिन अब इन सोसायटीज का लेखा जोखा राज्य सरकार के पास आ गया है. राज्य सरकार सिर्फ इस्तगासे दायर ही कर सकती है क्योकि इनकी संपत्तियां और बैंक अकाउंट सीज करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास ही है. इसलिए सहकारिता विभाग के हाथ अभी भी बंधे हुए हैं.


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उम्मीद जगी, लेकिन कब लौटा पाएंगे डूबे पैसे
निवेशकों का पैसा लौटाने में फिलहाल वक्त लगेगा, लेकिन इन कार्रवाई से उनकी उम्मीदें जरूर जागी है. निवेशकों का कितना पैसा सरकार लौटा पाएगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.