Barmer News : बाड़मेर जिला परिषद में लाखों रुपए गबन का खुलासा सामने आया है. जिला परिषद व सेड़वा पंचायत समिति में ठेके पर लगे दो कार्मिकों ने सीईओ ओमप्रकाश व लेखाधिकारी इतने पावर दे दिए कि इनके बिना जानकारी के ओटीपी व पासवर्ड से लाखों रुपए अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिए और ऑनलाइन गेम्स व जुए में उड़ा भी दिए. जिसके बाद सीईओ की रिपोर्ट पर दो ठेका कार्मिकों गिरफ्तार किया है. अब ठेका कार्मिक के परिवार ने अधिकारियों पर झूठा फंसाने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि कार्मिक जुआ खेलता भी नहीं है. अब पूरे मामले में अधिकारियों की मिली भगत से भी इंकार नहीं किया जा सकता है. फिलहाल पुलिस आरोपियों पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है.


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गरीबों को पक्की छत उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना में बाड़मेर जिले में अधिकारीयो बंदरबांट हो रही हैं. जिला परिषद के अधिकारी इतने लापरवाह हो गए हैं कि एक ठेके पर लगे सविंदा कर्मचारी को पीएम आवास ट्रेनिंग मद ट्रांसफर प्रशासनिक फंड व पंचायत समितियों के प्रशासनिक व्यय की लिमिट जारी करने की जिम्मेदारी सौंप दी.


दरअसल, जिला परिषद कार्यालय में प्लेसमेंट एजेंसी (सूर्या एंड कंपनी बाड़मेर) के मार्फत ठेकाकर्मी लगे हुए है. ठेकाकर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर गणेश पुत्र ईश्वरदास निवासी दर्जियों का पुराना वास पीएम आवास योजना में ट्रेनिंग मद व प्रशासनिक मद से भुगतान व पंचायत समितियों को प्रशासनिक व्यय की लिमिट जारी करने का कार्य कर रहा है. यह भुगतान सीईओ की आईडी व पासवर्ड उपयोग करके करता है. साथ ही जिला परिषद सीईओ व परियोजना अधिकारी (लेखा) की डिजिटल हस्ताक्षर सर्टिफिकेट का उपयोग करता है. इसके अलावा सेड़वा पंचायत समिति में कार्यरत भगतसिंह ने पीएम आवास से जुड़े कार्य देखता है. दोनों ठेकाकर्मियों ने मिलीभगत कर पीएम आवास योजना में प्रशासनिक मद के 47 लाख 22 हजार 199 रुपए अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर दिए. कोतवाली थाने में आरोपी गणेश व भगतसिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. जिला परिषद कार्यालय में प्लेसमेट एजेंसी के तहत लगे संविदाकर्मियों ने 47 लाख रुपए का फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि उठा ली और जिम्मेदार लेखा अधिकारी अन्य किसी अधिकारी को भनक तक नहीं लगी.


कोतवाल गंगाराम खावा के मुताबिक जिला परिषद् सीईओ ने एफआईआर दी है कि पीएम आवास एवं प्रशासनिक मद के लाखों रुपए का गठन ठेका कार्मिकों ने किया है. पुलिस जांच के आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी ने गबन किए रुपए तीन पत्ती सहित ऑनलाइन गेम्स में उड़ा दिए है. वहीं कार्मिक के खाते को सीज करने के लिए लेटर बैक को लिख दिया गया है. अभी तक आरोपी से कोई रिकवरी नहीं हुई है.परिजनों ने लगाया आरोप गणेश जुआ नहीं खेलता है. गणेश को अधिकारियों ने झूठा फंसाया है.


ठेकाकर्मी गणेश ने अपने खाते में डाल दिए 21 लाख व भगतसिंह के खाते में 20.27 लाख रुपए किए ट्रांसफर


ठेकाकर्मी गणेश लंबे समय से जिला परिषद कार्यालय में कार्यरत है. साथ ही कई अधिकारियों व कर्मचारियों का विश्वस्त था. उसने अधिकारियों के डिजिटल हस्ताक्षर व सरकारी आईडी से बड़े स्तर पर गबन किया है. गणेश ने पीएम आवास योजना में प्रशासनिक मद में कुल छह एफटीओ ट्रांजेक्शन कर कुल 21 लाख 50 हजार रुपए जिला परिषद के सरकारी खाते से अपने निजी खाते में ट्रांसफर दिए. जिसमें बाकायदा परियोजना अधिकारी लेखा के डिजिटल हस्ताक्षर व लेखा अधिकारी से ओटीपी प्राप्त की गई.


सेड़वा में गणेश व भगतसिंह की मिलीभगत से उठाए 20 लाख


आरोपी गणेश ने सेड़वा पंचायत समिति में कार्यरत भगतसिंह से संपर्क किया. उसे गबन करने के लिए वर्ष- 2020 में तैयार किया. उसे कहा कि में यहां से लिमिट बढ़ा दूंगा. फिर सरकारी पैसा अपने खाते में ट्रांसफर कर लेना. कम्प्यूटर ऑपरेटर भगतसिंह ने वर्ष- 2020 से अब तक 20 लाख 27 हजार 201 रुपए अपने निजी खाते में ट्रांसफर कर लिए. उसमें से गणेश ने हिस्से के 5 लाख 44 हजार 998 रुपए खाते में ट्रांसफर किए है.


अधिकारीयो की जिम्मेदारी, फिर भी रहे अनजान


दोनों ठेकाकर्मियों ने मिलीभगत कर खातों की बिना सक्षम अधिकारी की स्वीकृति लिए लिमिट भी बढ़ा दी और तीन साल से ट्रांजेक्शन कर 47 लाख रुपए उठा लिए. इसके बावजूद सीईओ लेखा अधिकारी को भनक नहीं लगी. साथ ही सक्षम अधिकारी भी अनजान रहे और उनकी सरकारी आईडी व ओटीपी से पैसा उठाता गया. अब सेड़वा पंचायत समिति में प्रशासनिक मद की स्वीकृति में समस्या आई तो मामला उजागर हुआ.


पूछताछ में बोला ऑनलाइन में उड़ाए रुपए


पुलिस रिमांड पर चल रहे जिला परिषद का ठेकाकर्मी गणेश कुमार जुआरी है. जो ऑनलाइन जुआ खेलता है. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में यह बात स्वीकारी है. उसने बताया कि सरकारी रुपए अपने खाते में ट्रांसफर करने के बाद मैने ऑनलाइन रमी गेम में डाल दिए. जहां से लगातार हारता गया और सरकारी रुपए उठाकर उसमें डालता रहा. ऐसे में आरोपी के कब्जे से पुलिस को रुपए बरामद नहीं हुए है. जांच अधिकारी का कहना है कि खाते सीज करवाए है. आरोपी ने ऑलाइन गेम में रुपए डालने की बात स्वीकारी है.


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