औद्योगिक क्षेत्र तिजारा में प्रदूषण की शिकायत पर पर्यावरण मंत्री ने दिया बड़ा बयान
हेमाराम ने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने हेतु निरन्तर प्रयासरत है. राज. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय समय पर विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत हो.
Jaipur: पर्यावरण मंत्री हेमाराम चौधरी ने गुरूवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि तिजारा विधानसभा क्षेत्र के ओद्यौगिक क्षेत्र तिजारा में स्थित औद्योगिक इकाइयों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने और क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने की कोई शिकायत प्राप्त होती है तो समिति बनाकर इसकी जांच कराई जाएगी.
चौधरी प्रश्नकाल में सदस्यों द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नियमानुसार तिजारा क्षेत्र में 373 उद्योगों की उद्योग संचालन की सहमति जारी की गई है तथा 20 उद्योग अभी भी बन्द हैं. उन्होंने कहा कि फिर भी सदस्य द्वारा यदि किसी उद्योग द्वारा प्रदूषण फैलाने की जानकारी दी जाती है तो नियमानुसार जांच कराई जाएगी.
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उन्होंने कहा कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अभिलेखों के अनुसार तिजारा क्षेत्र में कुल 373 उद्योगों को प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम के तहत जांच कर 63 पर कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि इसके बाद नियमों का पालन सुनिश्चित करने पर कई इकाइयों को पुनः चालू कर दिया गया.
इससे पहले विधायक संदीप कुमार के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अभिलेखों के अनुसार तिजारा क्षेत्र में 373 उद्योगों को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1981/ जल (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत सम्मति दी गई है. उन्होंने इन उद्योगों की सूचना समुचित वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थिति व सम्मति की वैधता का विवरण सदन के पटल पर रखा.
वायु प्रदूषण को रोकने के लिए हो रहा काम
हेमाराम ने बताया कि राज्य सरकार उद्योगों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने हेतु निरन्तर प्रयासरत है. राज. राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा समय समय पर विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण कर वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की जांच की जाती है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत हो. उद्योग से उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अन्तर्गत नहीं पाये जाने पर दोषी उद्योगों के विरूद्ध वायु अधिनियम 1981 एवं पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अंतर्गत नियमानुसार कार्रवाई की जाती है.
5 सालों में नहीं हुई कार्रवाई
चौधरी ने बताया कि राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा गत पांच वर्षों में तिजारा क्षेत्र के अधीन औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित कंपनियों द्वारा पर्याप्त प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था स्थापित नहीं किये जाने, उत्सर्जित प्रदूषक तत्व निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाये जाने एवं वायु अधिनियम 1981/जल अधिनियम 1974 के प्रावधानों की पालना नहीं किये जाने के कारण इस प्रकार के 83 प्रदूषणकारी इकाइयों के विरूद्ध वायु अधिनियम की धारा 31 ए और जल अधिनियम की धारा 33 ए में कार्यवाही की गई.
इन उद्योगों मे से 63 उद्योगों द्वारा आवश्यक सुधार कर राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के समक्ष संचालन हेतु पुनः सम्मति आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके क्रम में राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल द्वारा नियमानुसार सत्यापन के पश्चात् उद्योगों को पुन संचालन सम्मति जारी कर दी गई है. तिजारा क्षेत्र में वर्तमान में 63 उद्योग संचालित है तथा 20 पूर्ण रूप से बन्द है. उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा.
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