Jaipur News: होलाष्टक की शुरूआत 27 फरवरी से हो रही है. 7 मार्च को इसका समापन होगा. मांगलिक और शुभ कार्यों के लिए पूर्णतया वर्जित माने जाने वाले होली से आठ दिन पहले शुरू होने वाले होलाष्टक की शुरूआत अगले सोमवार 27 फरवरी को सूर्योदय से होगी.


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ज्योतिषविदों के मुताबिक, इस बार दो एकादशी होने से होलाष्टक आठ के बजाय नौ दिन के होंगे. ज्योतिषाचार्य पं. दामोदर प्रसाद शर्मा ने बताया कि होलाष्टक में एकादशी की तिथि की वृद्धि होने से होलाष्टक आठ के बजाय नौ दिन के होंगे. इनकी अवधि सात मार्च तक रहेंगी. ऐसे में मांगलिक सहित अन्य शुभ कार्य पूर्णतया वर्जित रहेंगे. इस दौरान भगवान विष्णु की आराधना करना विशेष फलदायी रहेगा. 


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इसी दिन व्यापारिक ग्रह मकर राशि को छोड़कर शाम 4.46 कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे. 27 साल बाद फाल्गुन शुक्ल में दो एकादशी एक साथ रहेगी.एकादशी दो और तीन मार्च को रहेगी. पहले दिन स्मार्त और अगले दिन वैष्णव मत वाले एकादशी मानेंगे. ऐसे में जयपुर से खाटूश्याम मेले के लिए 250 से अधिक पदयात्राएं रवाना होंगी.


इसके लिए सीधे वाहनों के जरिए खाटूश्याम जाने के लिए 200 से अधिक बसें भी जयपुर से बुक की गई है. श्यामसेवी संस्थाओं की ओर से यात्रियों को नि:शुल्क ले जाने की व्यवस्था की है. 


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बढ़ेंगी बीमारियां, लोग हो सकते परेशान
ज्योर्तिविद पं. घनश्याम लाल स्वर्णकार के मुताबिक, इस अवधि में मौसम में बदलाव के साथ कई बदलाव भी होते हैं. वातावरण में हानिकारक बैक्‍टीरिया और वायरस ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. सर्दी से गर्मी की ओर जाते हुए इस मौसम में शरीर पर सूर्य की पराबैंगनी किरणें विप‍रीत असर डालती हैं. होलिका दहन पर जो अग्नि निकलती है वो शरीर के साथ साथ आसपास के बैक्‍टीरिया और नकारात्‍मक ऊर्जा को खत्म कर देती है.