Holi 2023: होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम को 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक है. भगवान नृसिंह का प्राकाट्य खंभे से भी इसी समय यानी गोधूलि वेला के समय (ना दिन और ना रात) हुआ था. ये एक अद्भूत संयोग माना जा रहा है.
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Holi 2023: हिंदू धर्म में भगवान विष्णु का हर अवतार बहुत ही खास रहा है. उनके हर एक अवतार के पीछे कोई न कोई कारण जरूर रहा है. कहते हैं कि जब-जब धर्म के ऊपर अधर्म भारी पड़ा है, तब-तब भगवान विष्णु ने धरती पर भिन्न-भिन्न रूप में अवतार लेकर अधर्म का विनाश किया है. इस साल होलिका दहन 7 मार्च को की जाएगी. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त शाम को 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक है. भगवान नृसिंह का प्राकाट्य खंभ से भी इसी समय यानी गोधूलि वेला के समय (ना दिन और ना रात) हुआ था.
ये एक अद्भूत संयोग माना जा रहा है. ऐसे में आज हम बात करेंगे कि उनके नरसिंह अवतार के बारे में, जोकि उन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा के लिए लिया था. भगवान जहां अपने भक्तों से असीम प्रेम करते हैं, वहीं उनकी रक्षा के कहीं भी प्रकट हो सकते हैं. इसके साथ ही बात करते हैं नृसिंह अवतार और उनके आज भी जिंदा होने के सबूत है.
दक्षिणमुखी हनुमान को 'भगवान नृसिंह' कहा गया है. होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और भगवान नृसिंह का प्राकाट्य खंभ से गोधूलि वेला के समय हुआ था. यानी सूर्यास्त के बाद (ना दिन और ना रात) . 7 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त शाम को 6.24 बजे से रात 8.51 बजे तक है.
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सिंहाचलम मंदिर को भगवान नरसिंह का घर भी कहा जाता है. इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इस मंदिर में नरसिंह भगवान मां लक्ष्मी के साथ विराजमान हैं. इस मंदिर में उनकी प्रतिमा पर चंदन का लेप लगाया जाता है. यह लेप साल में एक बार हटाया जाता है. अक्षय तृतीया के दिन इस चंदन के लेप को हटा दिया जाता है. केवल उसी दिन लेप हटाने के कारण भक्तों को नरसिंह देव के दर्शन हो पाते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना भक्त प्रह्लाद ने की थी.
मूर्ति पर चंदन का लेप लगाए जाने के विषय में बताया जाता है कि जब हिरण्यकश्यप के मारने के बाद भी नृसिंह भगवान का क्रोध शांत नहीं हुआ. तब उन्हें ठंडक पहुंचाने के लिए चंदन का लेप लगाया गया था. तब जाकर उनका क्रोध शांत हुआ. कहा जाता है आज भी यहां शेर की दहाड़ सुनाई देती है. ये अपने भक्तों की रक्षा के लिए कुछ भी कहीं भी पहुंच जाते है.
जब भी आप होलिका की पूजा करें आपको ध्यान में रखना है कि आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए. भूलकर भी दक्षिण दिशा और पश्चिम की ओर मुंह करके होलिका का पूजन न करें. ऐसा माना जाता है कि सही दिशा में मुंह करके पूजा करने से पूजा का फल दोगुना हो जाता है. इससे दक्षिणमुखी हनुमान और भगवान नृसिंह के साथ माता लक्ष्मी की कृपा बरसेगी.