Jaipur: प्रदेशभर में जहां दिवाली की रौनक और उल्लास छाया है, वहीं राज्य के करीब 30 हजार होमगार्ड उनके परिवारजन काली दिवाली मनाएंगे. होमगार्ड स्वयंसेवकों ने नियमितिकरण नहीं होने से खफा होकर काली दिवाली मनाने की घोषणा की है.


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होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेशाध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने कहा कि होमगार्ड स्वयंसेवक स्थाई रोजगार की मांग को लेकर बरसों से इंतजार कर रहे हैं. पिछली भाजपा सरकार के समय होमगार्ड ने नियमित करने के लिए आंदोलन किया था, उस वक्त कांग्रेस नेताओं ने प्रदर्शन स्थल पर आकर आश्वासन दिया था कि कांग्रेस सत्ता में आई तो नियमित किया जाएगा. इस उम्मीद के साथ होमगार्ड और उनके परिजनों रिश्तेदारों ने मतदान किया, लेकिन सत्ता में आने के चार साल बाद भी हाेमगार्ड को नियमित करने की बात तो दूर पूरा रोजगार भी नहीं दिया जा रहा है.


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में 12 हजार होमगार्ड को रोजगार उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक रोजगार उपलब्ध नहीं कराया. झलकन राठौड़ ने कहा कि होमगार्ड स्वयंसेवकों में इस बात को लेकर भी आक्रोश है कि जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने की घोषणा कर दी, तो उन्हें दरकिनार क्यों किया जा रहा है. होमगार्ड सरकार में पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कानून व्यवस्था की ड्यूटी निभा रहे हैं, वहीं कोरोनाकाल हो या अन्य आपदा हमेशा आगे रहकर काम कर रहे हैं. इसके बावजूद हमें इस तरह दरकिनार क्यों किया जा रहा है यह समझ से परे हैं. ऐसे में बेरोजगार होमगार्ड भूखे पेट कैसे दिवाली मनाएं यह सरकार के सोचने की बात है.


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