जालोर: बच्चे की मौत से जुड़ें मामले में, राजस्थान यूनिवर्सिटी में आमरण अनशन शुरू
जालोर में निजी स्कूल संचालक द्वारा बालक की पिटाई के बाद हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. इस घटना को लेकर जहां पूरे प्रदेश में विरोध देखने को मिल रहा है तो वहीं राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा हैं.
Jaipur: जालोर में निजी स्कूल संचालक द्वारा बालक की पिटाई के बाद हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है. इस घटना को लेकर जहां पूरे प्रदेश में विरोध देखने को मिल रहा है तो वहीं राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चल रहा हैं, इसी बीच घटना के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में अरावली छात्रावास के विद्यार्थियों सहित विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा धरना दिया जा रहा है. 14 अगस्त को शुरू हुआ ये धरना अब आमरण अनशन में बदल चुका है, 5 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे छात्र नेता रोशन मुंडोतिया आमरण अनशन पर बैठ गए हैं.
गौरतलब है की जालोर के एक निजी स्कूल में स्कूल संचालक की मटकी से पानी पीने पर एक 8 साल के छात्र की पिटाई के बाद छात्र की उपचार के दौरान मौत हो गई थी,जिसके बाद सरकार ने परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी, लेकिन मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपये मुआवजा, दो लोगों को नौकरी देने, निजी स्कूल की मान्यता रद्द करने सहित 5 मांगों को लेकर धरना शुरू किया है. सोमवार को कमिश्नर ऑफिस और सीएमओ में दो दौर की वार्ता हुई थी, लेकिन वार्ता पर कोई फैसला नहीं होने के बाद आमरण अनशन शुरू किया गया.
छात्र नेता नरसी किराड़ और छात्र नेता रोशन मुंडोतिया ने बताया कि घटना के बाद तीन दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्र धरने पर बैठे हैं, लेकिन अभी तक भी कोई प्रशासनिक अधिकारी वार्ता के लिए नहीं आया है, कल दो दौर की वार्ता हुई थी लेकिन इन वार्ता का भी कोई नजीता नहीं निकल पाया. जिसके बाद आमरण अनशन पर बैठने का फैसला लेना पड़ा है, अगर 5 सूत्री मांगों को लेकर जल्द ही कोई फैसला नहीं होता है तो जल्द ही एक बड़ा और उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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