Jaipur : पवित्र सावन माह के स्वागत के लिए प्रकृति ने भी हरियाली की चादर ओढ़ ली है. रिमझिम और तेज फुहारों ने सावन के पहले ही सावन के आगमन का संदेश दे दिया है. रविवार को सावन माह का आगाज होगा. माना जाता है कि सावन (Sawan) में प्रकृति हरियाली से आच्छादित रहती है. यह माह शिव आराधना के लिए काफी शुभ माना गया है. पूरे महीने श्रद्धालु शिव आराधना करेंगे. शहर के शिवालयों में भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक, विशेष शृंगार होगा.


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देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ की आराधना का प्रिय मास श्रावण का आगाज कल होगा. वहीं, पहला सोमवार 26 जुलाई को रहेगा. इस बार चार सोमवार भोलेनाथ की आराधना के लिए रहेंगे. सावन (Sawan 2021) के आगमन के चलते शहर में उत्साह बढ़ गया है. सुबह से ही शहर में भोलेनाथ के जयकारों के साथ बम-बम भोले, जय भोलेनाथ के जयघोष सुनाई देंगे. शहर के मंदिरों में भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर अलग-अलग स्वरूपों में शृंगार किया जाएगा. इस दौरान कुंवारी कन्याएं श्रेष्ठ वर की प्राप्ति और विवाहित महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर भगवान शिव पार्वती की पूजा अर्चना करेगी. 


मंदिरों में अलग-अलग विशेष फूलों से भोलेनाथ की मनमोहक झांकियां सजाई जाएगी. श्रावण मास का श्रीगणेश उत्तराषाढा नक्षत्र, प्रीति योग रहेगा. पहले सोमवार को धनिष्ठा नक्षत्र और सौभाग्य योग रहेगा. श्रावण कृष्ण प्रतिपदा और श्रावण शुक्ल नवमी तिथि के क्षय के साथ ही कृष्ण पक्ष में अष्टमी तिथि की वृद्धि के चलते भोले की भक्ति का श्रावण मास 29 दिनों का रहेगा. इस साल महामृत्युंजय साधना के लिए सभी राशि के जातकों के लिए फलदायी रहने के साथ ही रोगों से लड़ने में कारगर रहेगा. कुल पांच रविवार का संयोग इस बार श्रावण मास में  सात साल बाद बनेगा.


राजधानी के प्रमुख बड़े शिव मंदिरों में भक्त भोलेनाथ के दर्शन कर सकेंगे. हालांकि जलाभिषेक और अन्य अनुष्ठान करना पूर्णतया कोरोना के चलते वर्जित रहेगा. झाड़खंड महादेव मंदिर में मंदिर की वेबसाइट के जरिए श्रृंगार की बुकिंग शुरू की है. सवामणी, सहस्त्रघट, यज्ञशाला की बुकिंग फिलहाल शुरू नहीं की. बब्बू सेठ मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष जयप्रकाश सोमानी ने बताया कि मंदिर में बेरिकेडिंग और लाइनों के जरिए भक्तों के लिए सिर्फ दर्शनों की व्यवस्था रहेगी. अन्य अनुष्ठान, जल चढ़ाना वर्जित रहेगा.श्रावण में विदेशी थाइलैंड, बेंगलुरू से फूल मंगवाए जाएंगे. ताड़केश्वर महादेव मंदिर में भक्त बारी—बारी से अलग—अलग लाइनों के जरिए दर्शन कर सकेंगे. प्रसाद आदि चढ़ाना वर्जित रहेगा. 


इसके अलावा जंगलेश्वर महादेव, झोटवाड़ा स्थित चमत्कारेश्वर महादेव, कूकस स्थित सदाशिव ज्योतिलिंगेश्वर महादेव मंदिर, प्रतापेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य मंदिरों में दर्शनों की व्यवस्था रहेगी. ताडकेश्वर महादेव मंदिर में सीमित संख्या में भक्त एक बार में भोलेनाथ का जलाभिषेक कर सकेंगे. विशेष झांकियां सजाई जाएगी. हालांकि सहस्त्रघट सहित अन्य अनुष्ठान की बुकिंग शुरू नहीं की है. एक जगह पर प्रसाद इकट्टा करवा लिया जाएगा, बाद में श्रृंगार में काम में लेने के साथ ही इसे वितरित किया जाएगा. झाड़खंड महादेव मंदिर में श्रावण के हर सोमवार से सुबह 5.15 से रात 8 बजे तक , अन्य दिनों में सुबह 7 से लेकर रात 8 बजे तक दर्शन होंगे.


बहरहाल, कोरोना के चलते इस बार भी कांवड यात्राएं निषेध रहेगी. गलता तीर्थ आदि में फिलहाल कुंडों पर जाना वर्जित है. वहीं, बड़े मंदिर प्रबंधनों की ओर से पुष्कर सहित अन्य पवित्र तीर्थों का जल लाकर भोलेनाथ का अभिषेक किया जाएगा. 


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