राजस्थान देश के उन राज्यों में शूमार होता है जहां अकाल हर एक दशक में विकराल रूप धारण किए सामने खड़ा रहता है.
Trending Photos
Jaipur : राजस्थान देश के उन राज्यों में शूमार होता है जहां अकाल हर एक दशक में विकराल रूप धारण किए सामने खड़ा रहता है. 11वीं सदी से ही राजस्थान में हर एक दशक में अकाल (Famine) की ऐसी विकराल समस्या खड़ी हुई है, जिसने किसानों की कमर तो तोड़ी ही साथ ही अर्थव्यवस्था को भी हिला कर रख दिया और एक बार फिर से इस साल राजस्थान में कमजोर मानसून प्रदेश के अकाल की ओर धकेलता हुआ नजर आ रहा है.
यह भी पढ़ें : गजब संयोग! शिक्षा मंत्री Dotasra की बहू के भाई-बहन के RPSC इंटरव्यू में आए बराबर नंबर
राजस्थान में 11वीं सदी में पड़ा हुआ अकाल सबसे भीषण अकाल की श्रेणी में माना जाता है. जब लगातार 12 सालों तक राजस्थान में अकाल ने अपने पैर जमाए रखे. उसके बाद साल 1783,1812-13,1868,69 और 1899 से 1900 तक राजस्थान भीषण अकाल की जद में रहा. राजस्थान (Rajasthan News) के निर्माण के बाद से साल 1959-60 और साल 1973 से 1977 और 1990-21 व 1994-95 को छोड़कर हर साल यह क्षेत्र सूखा और अकाल से प्रभावित रहा. साल 1959 के अकाल की बात की जाए तो पूरा राजस्थान इस समस्या से जूझता हुआ नजर आया.
इस साल कमजोर मानसून के चलते राजस्थान में अकाल की आहट
11वीं सदी में सबसे लम्बा 12 साल तक पड़ा था अकाल
उसके बाद से ही समय-समय पर अकाल की जद में रहा प्रदेश
प्रदेश के करीब एक दर्जन जिलों में कम बारिश रही बड़ी समस्या
हर 2 से 3 साल में इन जिलों में कम बारिश के चलते किसान होते परेशान
साल 2012 में प्रदेश के 28 जिलों में औसत से कम बारिश की गई थी दर्ज
अधिकतर जिलों में औसत से 80 फीसदी तक कम बारिश की गई थी दर्ज
मानसून सीजन (Monsoon) की बात की जाए तो 1 जून से 20 जुलाई तक राजस्थान में मानसून की स्थिति की बात की जाए तो आंकड़े चिंताजनक है. राजस्थान में अब तक औसत से करीब 25 फीसदी से कम बारिश (Rain) दर्ज की गई है. साथ ही पूर्वी राजस्थान में औसत से करीब 37 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है, जिसने एक बार फिर से चिंता बढ़ा दी है. वर्तमान में राजस्थान के 29 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज की गई है, तो वहीं आधा दर्जन जिलों में औसत से करीब 55 से 60 फीसदी तक कम बारिश दर्ज की गई है.
प्रदेश में इस साल 29 जिलों में औसत से कम बारिश दर्ज
राजस्थान में मानसून सीजन में अब तक औसत से 25 फीसदी कम बारिश दर्ज
पूर्वी राजस्थान में सबसे ज्यादा औसत से 37 फीसदी कम बारिश दर्ज
आधा दर्जन जिलों में औसत से 55 से 60 फीसदी तक कम बारिश दर्ज
पिछले दो सप्ताह से कमजोर मानसून एक बार फिर से बढ़ा रहा प्रदेश की चिंता
प्रदेश में बना हुआ कमजोर मानसून एक बार फिर से अकाल की आहट का अहसास दिला रहा है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ना भी लाजमी है, क्यों पिछले कुछ सालों की बात की जाए तो कमजोर मानसून ने जहां किसानों की कमर तोड़ी है. वहीं, इस साल कमजोर मानसून उनकी स्थिति बद से बदतर करने की स्थिति में पहुंचाता हुआ नजर आ रहा है.
यह भी पढ़ें : Rajasthan में Congress सरकार पर Sachin Pilot का सियासी तंज, सरकार बना तो लेते हैं लेकिन रिपीट नहीं होती