भाजपा में ज्योति की एंट्री के बाद किशनपोल में बदले सियासी समीकरण,कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी
राजस्थान चुनाव: भाजपा में ज्योति खंडेलवाल की एंट्री के बाद किशनपोल में सियासी समीकरण बदल गए हैं. ऐसे में अब कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं.
जयपुर न्यूज: कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल की भाजपा में एंट्री होने के बाद किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में समीकरण बदल गए.अब चर्चाएं जोरों पर है कि किशनपोल से भाजपा ज्योति खंडेलवाल को टिकट दे सकती है.
किशनपोल में बदल गए समीकरण
क्या किशनपोल में अमीन कागजी वर्सेस ज्योति खंडेलवाल होगा?क्या टिकट मिलने के बाद अमीन कागजी पर भारी पड़ेंगी ज्योति?..ज्योति खंडेलवाल की भाजपा में एंट्री के बाद अब चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया है.
पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल का भाजपा का दामन थामने के बाद किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में समीकरण बदल गए.अब वैश्य और मुस्लिम बाहुल्य सीट पर मुकाबला बेहद ही दिलचस्प हो गया है.कांग्रेस ने किशनपोल से अमीन कागजी को टिकट दिया है,लेकिन उनका क्षेत्र में भारी विरोध हो रहा है.क्षेत्र में से एआईएमआईएम और आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी भी मैदान में होंगे. ऐसे में ये प्रत्याशी सीधे तौर पर अमीन कागजी को नुकसान पहुंचा सकते है.ऐसे में बदल हुए समीकरणों के बीच भाजपा वैश्य समाज से ज्योति खंडेलवाल को मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेलने के मूड में है.
क्या किशनपोल में विरोध अमीन कागजी को भारी पड़ेगा?
अमीन कागजी का किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में भारी विरोध देखा गया.इसका फायदा भाजपा को मिल सकता है.अबकिशनपोल सीट पर मुस्लिम और वैश्य वोटर्स पर सबकी नजरें रहेगी.वैश्य वोटरों को साधने के लिए बीजेपी ने ज्योति खंडेलवाल पर बड़ा दांव खेला है.ज्योति खंडेलवाल की किशनपोल में पकड़ा है,क्योकि वे पार्षद और पूर्व महापौर रही है.
कांग्रेस की मुश्किल खड़ी कर सकती है ज्योति
ज्योति खंडेलवाल जयपुर के परकोटा क्षेत्र में रहती हैं. वे वहीं से दो बार पार्षद रही और जनता द्वारा चुनी गई पहली मेयर भी है. वहीं लोकसभा चुनाव में सांसद रामचरण बोहरा के सामने चुनाव लड़ा था.हालांकि बोहरा के सामने उनकी हार हुई थी,लेकिन इस दौरान भी परकोटा क्षेत्र से काफी वोट प्राप्त किये थे.
पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने ज्योति को टिकट ना देकर अमीन कागजी को टिकट दिया था. इस बार भी ज्योति खंडेलवाल ने दावेदारी जताई, लेकिन कांग्रेस ने किशनपोल सीट से फिर से अमीन कागजी को प्रत्याशी घोषित कर दिया. इससे नाराज होकर ज्योति भाजपा में आ गई.अब अगर भाजपा किशनपोल से उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ना तय है. लगातार 20 साल तक सक्रिय राजनीति में रहने के कारण हजारों लोगों से उनका सीधा संबंध हैं.
निर्दलीय प्रत्याशी उतारकर बड़ा दांव
किशनपोल में हर बार निर्दलीय प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर वोट की चोट मारने की कोशिश की जाती है.अबकी बार भी निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर गणित बिगाड़ सकते हैं.पिछली बार आदर्श नगर के बाद सबसे ज्यादा 51 प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था.अब ऐसे में अमीन कागजी किशनपोल से डगर मुश्किल है.
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