Jaipur Crime News:राजधानी की विश्वकर्मा थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए प्रॉपर्टी व्यवसाय में रुचि रखने वाले लोगों को झांसे में लेकर करोड़ की ठगी करने वाले एक अंतर्राजीय गिरोह का पर्दाफाश किया है.


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पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तकरीबन 3 करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह में शामिल 7 शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है.आरोपियों के खिलाफ न केवल जयपुर बल्कि शाहपुरा और श्रीमाधोपुर सहित अन्य थानों में मामले दर्ज हैं.गिरोह में शामिल सभी बदमाश बेहद शातिर हैं और लोगों को ठगने में सभी अपना अलग-अलग रोल निभाते हैं.


आज हम आपको एक ऐसे शातिर गिरोह के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रॉपर्टी में अच्छी कमाई का लालच देकर जमीनों का सौदा कर साईपेटे के करोड रुपए लेकर फरार हो जाते हैं.गिरोह का खुलासा इस तरह से हुआ की चौमूं थाने में प्रॉपर्टी डीलर रामसहाय द्वारा सितंबर 2023 को रिपोर्ट दर्ज करवाई गई.जिन्हें गिरोह ने अपना शिकार बनाते हुए 25 लाख रुपए की राशि हड़पी.


इसके बाद इस प्रकरण की जांच विश्वकर्मा थानाधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा को सौंपी गई.थानाधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा के नेतृत्व में गठित की गई टीम ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए गिरोह में शामिल सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई.


इसके बाद प्रकरण में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अनिल शर्मा, फिरोज खान, अनुराग गुप्ता, राजेंद्र प्रसाद शर्मा, रामवतार शर्मा, पंकज शुक्ला और नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है.


गिरोह में ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले लगभग 8 से 10 सदस्य शामिल हैं.गिरोह में शामिल सदस्यों में से राजेन्द्र प्रसाद शर्मा और रामावतार शर्मा दोनो सगे भाई हैं.जो शाहपुरा में मुख्य हाईवे पर किराए पर पण्डित होटल का संचालन करते.


दोनों सगे भाइयों की बस्सी गांव जिला सीकर में पुश्तैनी खातेदारी की जमीन है.दोनो आरोपी गिरोह में शामिल अन्य सदस्य पंकज शुक्ला, नरेन्द्र कुमार, अनिल शर्मा, फिरोज खान, अनुराग गुप्ता व अन्य के साथ मिलकर अपनी पुश्तैनी खातेदारी की जमीन के क्रय–विक्रय के नाम से इकरारनामा बनाकर लोगो से साईपेटे के नाम से मोटी रकम हड़पते.गिरोह के सदस्य पूरी प्लानिंग के तहत सबसे पहले जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, नीमकाथाना, सीकर और अन्य राज्यो के ऐसे लोग को चिन्हित करते जो प्रोपर्टी व्यवसाय में रुचि रखते हैं.


गिरोह के सदस्य हाईवे के आसपास लगे प्रोपर्टी से संबधित बैनर में नाम और मोबाईल नम्बर देखकर उन नंबर पर फोन से संपर्क करते.आरोपी पंकज शुक्ला और नरेन्द्र कुमार चालाकी व चतुराई से बात कर प्रॉपर्टी व्यवसाय में रुचि रखने वाले लोगों को अपने जाल में फसाते.उन्हें प्रोपर्टी में काफी मोटे मुनाफे का लालच देकर सस्ते भावो में जमीन दिलाने का झांसा देकर, उस जमीन पर कॉमर्शियल प्रोजेक्ट लगाने के नाम से दिल्ली के सेठों को मंहगे भावो में बिकवाने का लालच देते.


जैसे ही प्रॉपर्टी कारोबारी गिरोह के झांसे में आता तो फिर उसकी जमीन मालिक राजेन्द्र प्रसाद शर्मा और रामावतार शर्मा से मीटिंग कराते.मीटिंग के दौरान जमीन दिखाकर उस जमीन को सस्ते भावो में बेचने का नाटक करते.मीटिंग के बाद प्रॉपर्टी कारोबारी को दिल्ली के बड़े सेठ से मिलाने का झांसा दे जयपुर शहर के आसपास की महंगी होटलों में ले जाया जाता.


जहां प्रॉपर्टी कारोबारी की दिल्ली के बड़े सेठ से यह कहकर मीटिंग कराई जाती की जमीन पर कॉमर्शियल प्रोजेक्ट लगाया जाएगा और इसलिए दिल्ली के बड़े सेठ जमीन मंहगे दाम में खरीदेंगे.प्रॉपर्टी कारोबारी से गिरोह में शामिल अनिल कुमार शर्मा दिल्ली का बडा सेठ बन मिलता और फिरोज खान व अनुराग गुप्ता लेपटॉप लेकर उसका मैनेजर बनने का नाटक करते.


दिल्ली के सेठ के साथ प्रॉपर्टी कारोबारी की डील तय होने का झांसा दे गिरोह के सदस्य पंकज और नरेन्द्र कुमार प्रॉपर्टी कारोबारी को फिर से राजेन्द्र प्रसाद शर्मा और रामावतार शर्मा के पास लेकर आते.जहां उनकी जमीन का इकरारनामा तैयार करवा साईपेटे के नाम से प्रॉपर्टी कारोबारी से लाखो रूपये प्राप्त कर लेते.


फिर गिरोह के सदस्य तैयार किए गए मूल इकरारनामे के साथ फरार हो जाते.मूल इकरारनामे को जमीन के मालिक को दे देते.जिसके चलते डील करने वाले प्रॉपर्टी कारोबारी को ना तो जमीन का कब्जा मिल पाता है और ना ही असल इकरारनामा.उसके बाद गिरोह में शामिल सभी सदस्य प्रॉपर्टी कारोबारी से ठगी गई लाखों रुपए की राशि को आपस में बांट लेते.


इसी तरह से गिरोह की सदस्य अब तक अलग-अलग प्रॉपर्टी कारोबारी को अपना शिकार बनाते हुए तकरीबन 3 करोड रुपए की राशि हड़प चुके हैं.हड़पी गई करोड़ों रुपए की राशि आपस में बांटने के बाद आरोपी रामवतार और राजेंद्र ने अपने चार बच्चों की शादी की.साथ ही मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम में किराए पर जमीन लेकर उसपर एक होटल बना उसका संचालन करने लगे.वहीं बाकी आरोपी अनिल, फिरोज खान, पंकज और नरेंद्र ने अपने हिस्से में आई राशि को घर खर्च, लग्जरी लाइफ जीने और घूमने फिरने में खर्च किया.


फिलहाल पुलिस ने गिरोह में शामिल सात आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया है.जिनसे लगातार पूछताछ की जा रही है.वहीं गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.देखना होगा कि पुलिस इन शरीर बदमाशों से ठगी गई करोड़ों रुपए की राशि में से कितनी राशि रिकवर कर पाती है और पूछताछ में और क्या नए खुलासे करती है.


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